पटना, 27 जुलाई (वार्ता) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पर्यावरण असंतुलन के खतरों से आगाह करते हुए आज कहा कि यदि जीना है तो पर्यावरण को सुरक्षित करना ही होगा।
श्री कुमार की अध्यक्षता में यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ की वर्तमान स्थिति एवं सुखाड़ की समीक्षा बैठक हुयी। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में एक तरफ बाढ़ और एक तरफ सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। इसके लिये सबको एकजुट होकर समर्पण के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि जीना है तो पर्यावरण को सुरक्षित करना ही होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उतर बिहार में इस बार भी बाढ़ की स्थिति बनी है। इसके संबंध में सभी जिलाधिकारी लोगों को राहत एवं बचाव कार्य में मुश्तैदी से लगे हुये हैं। जिलाधिकारी बाढ़ के दौरान ध्वस्त हुये मकानों एवं फसल क्षति का भी आंकलन करा लें। उन्हें फसल सहायता योजना, कृषि इनपुट सबसिडी का लाभ देने के संबंध में तैयारी कर लें।
श्री कुमार ने कहा कि बाढ़ के दौरान बच्चे घर से बाहर नहीं निकलें। इस संबंध में अभिभावकों को भी सजग करने की जरूरत है क्योंकि बाढ़ के दौरान कुछ बच्चों की नहाने से मौत की खबरें भी आयी है। बाढ़ के कारण जिन जगहों पर बालू का जमाव हो गया है, वहां आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा इस संबंध में गाइडलाइन के आधार पर उस क्षेत्र के लोगों को राहत मुहैया करायें। उन्होंने कहा कि चापाकल, तालाब, पोखर, आहर, पईन को दुरूस्त कर जलस्तर को मेंटेन किया जा सकता है।
सतीश सूरज
जारी वार्ता