चंडीगढ़, 6 सितंबर (वार्ता) इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने कल, शुक्रवार से शुरू हो रहे हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार की चार साल की असफलताओं और जनविरोधी नीतियों को प्रदेश की जनता के सामने लाने के लिए काम रोको व ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने की घोषणा आज की।
यह घोषणा हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने आज यहां एमएलए हॉस्टल में पत्रकारों से बातचीत में की। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में बढ़ते नशाखोरी के कारोबार, एसवाईएल, बिगड़ती कानून-व्यवस्था, न्यूनतम समर्थन मूल्य, बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं, सरकार की मिलीभगत से हो रहे अवैध खनन, गिरते शिक्षा स्तर और गौशालाओं में गायों की मौतों जैसे कई अन्य जनहित के मुद्दों पर पर स्पष्टीकरण मांगा जायेगा।
इन्हीं मुद्दों पर इनेलो ने कल, शुक्रवार को बंद का भी आह्वान किया हुआ है।
उन्होंने कहा कि सरकार को दादुपूर-नलवी नहर डी-नोटिफिकेशन पर भी अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।
विपक्षी नेता ने एक समाचार पत्र में छपी खबर के हवाले से खरखौदा के, गर्ल सीनियर सैकं डरी स्कूल में कार्यकारी प्रिंसीपल द्वारा चलाए जा रहे यौन व्यवसाय पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि यह राज्य सरकार के लिए शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में सरकार की निष्क्रियता की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि अकेले इसी घटना ने सरकार के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ नारे की धज्जियां उड़ा दी हैं। यह घटना सरकार के इस अभियान को कलंकित करने वाली है।
गुड़गांव जमीन घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए इनेलो नेता ने रॉबर्ट वाड्रा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर एफआईआर दर्ज करवाने को सरकार का ढकोसला बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा जिस एफआईआर पर कार्रवाई करने का नाटक कर रही है उसका आधार इनेलो की वह चार्जशीट है जो उन्होंने राज्यपाल को चार साल पहले सौंपी थी।
श्री चौटाला ने सरकार द्वारा बहुद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारियों (एमपीएचडब्ल्यू) और रोडवेज कर्मियों पर आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लगाने की कड़ी निंदा भी की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को लेकर सरकार ने बार-बार झूठे वादे किये और लोगों को कठिनाइयों में डालने का काम किया जिसके चलते मजबूरन कर्मचारियों को सड़कों पर उतरना पड़ा।
महेश विक्रम
वार्ता