नैनीताल, 06 अप्रैल (वार्ता) उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित महेन्द्र भाटी हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त एवं बाहुबली नेता डी.पी. यादव के खिलाफ उत्तराखंड उच्च न्यायालय में मंगलवार को सुनवाई पूरी हो गयी है, जबकि सह अभियुक्तों के मामले में आठ अप्रैल को सुनवाई होगी।
मुख्य न्यायाधीश आर.एस. चैहान की अगुवाई वाली पीठ में मुख्य अभियुक्त डी.पी. यादव के खिलाफ लअदालत ने अंततः सुनवाई पूरी कर ली है। वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेन्द कुमार की ओर से डी.पी. यादव की पैरवी की गयी। यादव की ओर से प्रमुख रूप से कहा गया कि उनको जिन मामलों में दोषी ठहराया गया है, वे गलत हैं। उन पर विधायक महेन्द्र भाटी हत्याकांड की साजिश रचने का अभियोजन पक्ष दोष साबित नहीं कर पाया है। उनके खिलाफ इस मामले में कोई सुबूत नहीं हैं। विधायक भाटी से उनकी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी और न ही उन्होंने एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा।
वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एस.आर.एस. गिल ने बताया कि यादव के मामले में आज सुनवाई पूरी हो गयी है।
उल्लेखनीय है कि उप्र दादरी के तत्कालीन विधायक महेन्द्र सिंह भाटी की हत्या 29 साल पहले 13 सितम्बर 1992 को कर दी गयी थी। इस मामले में यादव के अलावा चार सह अभियुक्त पाल सिंह उर्फ पाला उर्फ लक्कर, करण यादव, प्रनीत भाटी व नीतिश सिंह भाटी को देहरादून की सीबीआई अदालत ने दोषी माना है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने 10 मार्च, 2015 को सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तभी से सभी अभियुक्त जेल में बंद हैं। सीबीआई कोर्ट के इसी फैसले को पांचों अभियुक्तों की ओर से उत्तराखंड उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी है।
सं. संतोष
वार्ता