कोलकाता, 10 मई (वार्ता) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बेथ्यून कॉलेजिएट स्कूल की स्थापना के 175 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोह का बुधवार को शुभारंभ किया।
इस अवसर पर सुश्री बनर्जी ने कहा कि 175 साल पहले लगाया गया एक पौधा अब बरगद का पेड़ बन गया है। उन्होंने कहा कि उस समय कोई भी महिला शिक्षा के बारे में नहीं सोचता थी। महिला सशक्तिकरण और महिला शिक्षा पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी समाज तब तक विकास नहीं कर सकता जब तक लड़कियों को शिक्षित और सशक्त नहीं किया जाता।
नजरुल इस्लाम की एक कविता सुनाते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि पुरुष और महिला सभी समान हैं। उन्होंने कहा कि लड़कियों को जीवन के हर क्षेत्र में आगे आना चाहिए। रवींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय, राजा राममोहन राय और विद्यासागर को याद करते हुए उन्होंने कहा, “ बंगाल महान दिमागों की मिट्टी है। बंगाल का गौरवशाली इतिहास है।”
उन्होंने प्रतिष्ठित स्कूल को “ बंग रत्न” देने की भी घोषणा की और कहा,“ "मैं इस कार्यक्रम का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रही हूं। ”
उल्लेखनीय है कि 174 साल पहले भारतीय शिक्षा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष जॉन इलियट ड्रिंकवाटर बेथ्यून ने 'कलकत्ता फीमेल स्कूल' की स्थापना की थी और 07 मई, 1849 को महिलाओं के बीच शिक्षा के प्रसार की दिशा में एक उल्लेखनीय पहल की, जिसे वर्तमान में‘ "बेथ्यून कॉलेजिएट स्कूल ’ के नाम से जाना जाता है।
उस समय महिलाओं को शिक्षित करने की इस पहल ने उनके जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव किया और उन्हें समाज की अग्रणी बनने के लिए सशक्त बनाया।
संतोष , सोनिया
वार्ता