पटना 22 सितंबर (वार्ता) बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने भौतिकतावादी और अर्थप्रधान संस्कृति के दौर में मानवीय मूल्यों और नैतिकता पर बढ़ रहे खतरों के प्रति सावधान रहने की नसीहत देते हुये आज कहा कि ऐसे हालात में खेल के जरिये मूल्यों एवं संवेदनाओं का विकास जरूरी है।
श्री टंडन ने यहां बिहार म्यूजियम के सभागार में ‘इंडियन क्राॅसवर्ड लीग’ के छठे संस्करण का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘प्रकृति के साथ अपने रागात्मक रिश्ते और निकटता को बनाये रखकर ही हमें अपने समग्र विकास के रास्ते तलाशने चाहिए। भौतिकतावादी और अर्थप्रधान संस्कृति के दौर में मानवीय मूल्यों और नैतिकता पर बढ़ रहे खतरों के प्रति हमें सावधान रहना है। मौजूदा दौर में खेलों के जरिये मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं का विकास जरूरी है।’’
राज्यपाल ने कहा कि तकनीकी विकास की प्रक्रिया में मानवीय संवेदना को बचाये रखना है। उन्होंने कहा कि आज ‘बचपन’ पर ही संकट है। कम्प्यूटर जैसे तकनीकी संचार संसाधनों का विकास अच्छी बात है कि लेकिन बचपन की मस्ती और हंसी-खुशी भी बची रहनी चाहिए।
श्री टंडन ने कहा कि पुरानी पीढ़ी, कम्प्यूटर और इंटरनेट के बारे में आज भी बहुत कुछ नहीं जानती, लेकिन आज के बच्चे जन्म के कुछ ही दिन बाद तुरंत कम्प्यूटर के खेलों से जुड़ जाते हैं। इस कम्प्यूटर के जरिये वे पूरी दुनियां से तो जुड़ जाते हैं, लेकिन परिवार में बड़े-बुजुर्गों और अभिभावकों से स्नेह पाने से वंचित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के बुद्धि विकास के साथ ही हृदय-प्रदेश में भी अच्छे भावों का तेजी से विकास हो, इसका प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य का नैसर्गिक विकास बहुत जरूरी है।
सूरज सतीश
जारी (वार्ता)