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राज्य » बिहार / झारखण्ड


श्री कुमार ने कहा कि अभी राज्य में सूखे की स्थिति उत्पन्न हुई है, अब तक 24 जिलों के 275 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया जा चुका है। इनपुट सब्सिडी योजना एवं फसल सहायता योजना के द्वारा किसानों को मदद पहुंचाई जा रही है। सरकार लोगों की अधिक से अधिक मदद करना चाहती है ताकि उनका मनोबल ऊंचा बना रहे। उन्होंने कहा कि अभी एक दो दिन पहले दौरे के दौरान टाल क्षेत्र में रबी फसल में लगने वाले कीड़े के बारे में जानकारी मिली है। उसके लिए विशेषज्ञ टीम को जांच के लिए भेजा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुधन की सुरक्षा एवं लोगों के लिये पेयजल की व्यवस्था को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। नए चापाकल लगाए जा रहे हैं, वाटरटैंक का इंतजाम किया जा रहा है। पशुओं की सुविधा की जगहों को चिन्हित कर तालाब की व्यवस्था की गई है जहां पशुओं के लिए शिविर लगाये जाएंगे। यहां पानी की व्यवस्था के साथ-साथ चारे का भी इंतजाम रहेगा। वह स्वयं इन कार्यों की समीक्षा करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं आपदा प्रबंधन विभाग की बड़ी जिम्मेदारियां हैं, जो रोडमैप बनाया गया है, उसके तहत काम करने के साथ ही लोगों को प्रशिक्षित एवं जागृत भी करना है। पटना विश्वविद्यालय में जो केंद्र का निर्माण कराया जाना है, वह जल्द से जल्द बने ताकि वहां पर आंकड़ों का अध्ययन एवं समीक्षा हो सके।
श्री कुमार ने कहा कि आपदा के प्रभाव को कम करने के उपाय ढूंढने के लिए चेन्नई के बाद बिहार में राज्य स्तर पर पहला कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया था। इसके बाद एक रोडमैप बनाया गया, जिसमें किसकी क्या जिम्मेदारी होगी, इन सब बातों का जिक्र किया गया। साथ ही लोगों को जगरूक और प्रशिक्षित करने के बारे में भी निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि आधारभूत संरचना का निर्माण यदि ठीक ढंग से हो तो भूकंप की स्थिति में होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है।
सूरज उपाध्याय
रमेश
जारी (वार्ता)
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