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औरंगाबाद में तालाबों के माध्यम से होगी पारंपरिक सिंचाई

औरंगाबाद, 22 नवम्बर (वार्ता) बिहार सरकार के महत्वाकांक्षी जल-जीव-हरियाली कार्यक्रम के तहत कृषि प्रधान औरंगाबाद जिले के गांवों में तालाबों के माध्यम से खेतों में पारंपरिक सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।
जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम के तहत जिन गांवों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी वहां किसानों के निजी खेत में तालाब का निर्माण कराया जाएगा और इसके माध्यम से पारंपरिक सिंचाई की सुविधा सुलभ हो सकेगी। उन्होंने बताया कि इससे गांवों के विकसित होने में मदद मिलेगी।
श्री महिवाल ने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से उन किसानों को विशेष रूप से लाभ पहुंचेगा जहां अभी सिंचाई की सुविधा सुलभ नहीं है। उन्होंने बताया कि एक हेक्टेयर से कम भूमि में सिंचाई के लिए तालाब का निर्माण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत कराया जाएगा जबकि एक हेक्टेयर से अधिक भूमि में तालाब का निर्माण लघु सिंचाई विभाग के माध्यम से होगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि इसके लिए शीघ्र ही सर्वेक्षण का काम प्रारंभ किया जा रहा है और लाभुक किसानों से आवेदन भी लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जिले के 24 सार्वजनिक तालाबों पर अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण कर रखा है जिसे 31 दिसंबर के पूर्व अतिक्रमण मुक्त करा लिया जाएगा। इसके लिए सभी संबंधित अंचल अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं।
सं. उमेश सूरज
जारी वार्ता
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