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झारखंड लौटे प्रवासियों का डेटाबेस तैयार, 37.2 प्रतिशत को खेती में रुचि

रांची, 15 जुलाई (वार्ता) वैश्विक महामारी नोवेल कोरोना वायरस के कारण झारखंड लौटे करीब चार लाख पचास हजार प्रवासियों में से 37.2 प्रतिशत की रुचि खेती-बाड़ी में है।
ग्रामीण विकास विभाग ने मिशन सक्षम मोबाइल ऐप के जरिए प्रवासियों के कौशल की पहचान, रुचि एवं अन्य जानकारी सर्वेक्षण कर एकत्रित की है। मिशन सक्षम सर्वेक्षण के जरिए अब तक करीब 4.56 लाख प्रवासियों का डाटाबेस तैयार किया जा चुका है। इसके मुताबिक कुल प्रवासियों का 37.2 फीसदी लोग खेती-बाड़ी में रुचि रखते है और कृषि आधारित आजीविका की शुरुआत करने को इच्छुक है, वहीं 13.8 फीसदी प्रवासियों ने पशुपालन को रोजगार का साधन बनाने की इच्छा जताई है।
कोविड आपदा से राहत के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सीधे सखी मंडल की बहनों के जरिए लाखों परिवारों को आर्थिक मदद भी पहुंचाई गई। हाल ही में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की 50 हजार सखी मंडलों को 75 करोड़ की राशि चक्रीय निधि के रुप में उपलब्ध कराई है। इसी क्रम में अब तक 80 हजार सखी मंडलों को 120 करोड़ की राशि चक्रीय निधि के रुप में उपलब्ध कराई गई है। इस प्रयास से राज्य के करीब 10 लाख परिवारों को लाभ मिला। गांवों में आजीविका प्रोत्साहन की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।
सतीश सूरज
जारी वार्ता
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