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झारखंड में सरना संहिता लागू करने को लेकर राज्यव्यापी चक्का जाम

रांची, 15 अक्टूबर (वार्ता) झारखंड में सरना संहिता लागू करने की मांग को लेकर केंद्रीय सरना समिति समेत विभिन्न आदिवासी संगठनों ने गुरुवार को पूरे राज्य में चक्का जाम कर दिया।
राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक समेत सभी प्रमुख चौराहों पर चक्का जाम को लेकर सुबह से ही आदिवासी समुदाय के लोगों ने सड़कों पर उतर कर विरोध जताया। रांची के कोकर चौक से अल्बर्ट एक्का चौक तक चक्का जाम किया।
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि आदिवासी लंबे समय से सरना संहिता की मांग कर रहे हैं। सरकार माॅनसून सत्र में सरना धर्म संहिता विधेयक पारित कर केंद्र सरकार को भेजने का वादा किया था लेकिन सरकार के किसी भी मंत्री या विधायक ने इस संहिता के बारे में आवाज नहीं उठाई।
श्री तिर्की ने कहा कि वर्ष 2021 की जनगणना दो महीनों में शुरू होने वाली है। ऐसे में आदिवासियों को उनका संवैधानिक अधिकार नहीं दिया जाता है, तो फिर से आदिवासियों को धर्मकोड की लड़ाई 2031 तक लड़ना पड़ेगा, जिसका फायदा राजनीतिक पार्टी के लोग उठाते रहेंगे।
समिति के महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि चक्का जाम को लेकर विभिन्न संगठनों का पूरा सहयोग मिला। सरना कोड पर अब राजनीतिक नहीं करने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि अब आदिवासियों को जागना होगा। उन्होंने कहा कि 2021 जनगणना से पहले अगर सरना कोड लागू नहीं हुआ, तो आंदोलन तेज करना होगा।
सरना समितियों के एक दिवसीय चक्का जाम को लेकर पूरे राज्य में पुलिस प्रशासन काफी मुस्तैद रहा। जिला मुख्यालयों के सभी चौक- चौराहों पर पुलिस की तैनाती रही।
सतीश सूरज
वार्ता
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