राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Nov 9 2020 10:18PM हेमंत सरकार आदिवासी सरना धर्म कोड लागू करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजेगीरांची, 09 नवंबर (वार्ता) झारखंड सरकार की ओर से वर्ष 2021 के जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग से आदिवासी सरना धर्म कोड लागू करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सोमवार देर शाम तक चली मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय से संबंधित प्रस्ताव पर सहमति प्रदान कर दी गयी। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक समाप्त हो जाने के बाद मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने बताया कि सरना धर्म मानने वाले लोगों द्वारा कई वर्षां से इसकी मांग की जा रही थी, जबकि कई पूर्व विधायकों और विधायकों की ओर से भी सरकार को आवेदन सौंपा गया था। जिस पर विचार करने के बाद राज्य सरकार ने आदिवासी सरना धर्म कोड को राज्य में लागू करने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में भारत की जनगणना में परिवार की अनुसूची में धर्म का एक कॉलम भी, जिसमें हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध और जैन समेत अन्य धर्मां के लिए अलग-अलग कोड की व्यवस्था थी, वहीं कॉलम में उपलब्ध नहीं रहने वाले धर्म को मनाने वाले लोगों के लिए अन्य का कॉलम था, लेकिन उसके लिए कोई अलग से कोड की व्यवस्था नहीं थी। इसे देखते राज्य सरकार ने आदिवासी सरना धर्म कोड को लागू करने को लेकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया है। कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि एक अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य को भी सहमति दी गयी। इसके तहत एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव में धान खरीद के समय ही किसानों को 50 प्रतिशत राशि उनके बैंक खाते में आरटीजीएस के माध्यम से भेजी दी जाएगी, शेष राशि भी जल्द ही किसानों के खाते में भेज दी जाएगी। वहीं कौशल विकास विभाग अब फिर से श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के अंतर्गत आ जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 20 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी।विनय सतीशवार्ता