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किसान विरोधी कानूनों को वापस ले केंद्र : भाकपा-माले

दरभंगा, 04 जनवरी (वार्ता) भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) ने केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को कॉरपोरेट परस्त करार दिया और कहा कि कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कृषि विरोधी कानून बनाया गया है।
भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य सह मिथिलांचल प्रभारी धीरेन्द्र झा ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि खेती-किसानी को मोदी सरकार चुनिंदा काॅरपोरेटों के हाथों को सुपुर्द कर देना चाहती है। इसी उद्देश्य से तीनों किसान विरोधी कानून बनाये गए हैं। मौजूदा किसान आंदोलन कम्पनी राज के खिलाफ राष्ट्रीय जागरण है। खेती किसानी के क्षेत्र में पूंजीपतियों का वर्चस्व यह देश कतई बर्दाश्त नही करेगा इसलिये किसान जान की बाजी लगाकर भी आंदोलन में डटे हैं।
श्री झा ने कहा कि सरकार को तत्काल तीनों कानून वापस लेकर सम्मानजनक हल निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान संघर्ष समिति के साथ मिलकर महागठबंधन की पार्टियां किसान आंदोलन के पक्ष में मज़बूती से उतरेगी। जिलों में धारावाहिक किसान आंदोलन शुरू होगा और गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को ऐतिहासिक मानव श्रृंखला बनायी जाएगी। जल्द ही इस मुद्दे पर महागठबंधन दलों की बैठक पटना में होगी। बिहार से भाकपा माले विधायकों का दल धारावाहिक रूप से दिल्ली के बॉर्डर पर जमे किसान जत्थों में उपस्थित होकर एकजुटता प्रदर्शित कर रहे हैं।
सं. सतीश सूरज
जारी वार्ता
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