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फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी पाने वाली शिक्षिका समेत चार को सजा

पटना 22 सितंबर (वार्ता) बिहार में पटना स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाली शिक्षिका एवं उसके पिता समेत चार दोषियों को आज चार-चार वर्ष कारावास के साथ ही 18 हजार रुपये तक के जुर्माने की सजा सुनाई।
विशेष न्यायाधीश गीता गुप्ता की अदालत ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षक की नौकरी प्राप्त करने के मामले में बांका जिले के बौंसी थाना क्षेत्र निवासी शिक्षिका रेखा कुमारी उर्फ मंजू देवी, बांका जिले के बरहट थाना क्षेत्र निवासी शिक्षिका का पिता मन्द्रेश्वर भगत और अरविंद रविदास उर्फ अरविंद दास तथा बौंसी थाना क्षेत्र निवासी नरेश शाह को भारतीय दंड विधान और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की अलग-अलग धाराओं में दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है।
अदालत ने रेखा कुमारी पर 18000 रुपये, मन्द्रेश्वर भगत पर 15000 रुपये, अरविंद रविदास पर 16000 रुपये और नरेश शाह पर 11000 का जुर्माना भी लगाया है।
मामला डीजी निगरानी की सूचना पर वर्ष 1997 में निगरानी थाने में दर्ज किया गया था। बाद में पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था। सीबीआई ने अपने अनुसंधान में पाया कि अभियुक्त रेखा कुमारी सामान्य वर्ग की महिला हैं लेकिन उसने अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर 28 जुलाई 1997 को शिक्षिका के रूप में नौकरी प्राप्त की थी। शिक्षिका के पिता पर फर्जी प्रमाण पत्र बनाने में सहयोग करने का आरोप है।
सं सूरज
वार्ता
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