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उपेन्द्र कुशवाहा के राजनीतिक फैसलों और विचारों से उनके घरवाले भी असहमत - जदयू

पटना 01 मई (वार्ता) बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा की धर्मपत्नी का शराबबंदी के समर्थन में दिए गए बयान की सराहना करते हुए इससे यह स्पष्ट जाहिर होता है कि अपने परिवार में भी श्री कुशवाहा की स्वीकार्यता खत्म हो गई है ।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि शराबबंदी के विषय में अनाप-शनाप बयानबाजी करने से पहले श्री उपेन्द्र कुशवाहा को कम से कम अपने घर में विचार-विमर्श कर लेना चाहिए। एक तरफ उनकी धर्मपत्नी श्री नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून की सराहना करती है और दूसरी तरफ श्री उपेन्द्र कुशवाहा शराबबंदी की आलोचना कर बिहार के करोड़ों महिलाओं की भावनाओं के खिलवाड़ करते हैं। इससे यह स्पष्ट जाहिर होता है कि श्री उपेन्द्र कुशवाहा के राजनीतिक फैसलों और विचारों से उनके घरवाले भी असहमत तथा असंतुष्ट हैं।
श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने आगे कहा कि यह बेहतर होता की श्री उपेंद्र कुशवाहा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चरणों में नतमस्तक होने से पहले अपने परिवार वालों की सहमति ले लेते लेकिन वह अपनी व्यक्तिगत महत्वकांक्षा के नशे में किसी की परवाह नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की राजनीति में पहचान दिलाई और कई बार उन्हें सम्मानजनक पद दिया, आज वही उनके (नीतीश कुमार) खिलाफ मोर्चेबंदी कर रहा है ।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि श्री उपेन्द्र कुशवाहा के हाल के बयानों से जाहिर होता है कि वह पूरी तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के चंगुल में फंस गए हैं और नागपुर के इशारे पर भाजपा के लिए परोक्ष रूप से काम कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि बिहार की जनता होशियार है और समाज को भटकाने का उनका षड्यंत्र सफल नहीं होगा। उनके परिवार के लोग सच्चाई को समझ रहे हैं यह खुशी की बात है ।
शिवा सूरज
वार्ता
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