राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: May 18 2023 8:06PM किस नियोजन नीति के तहत होने जा रही शिक्षकों की नियुक्ति :दीपक प्रकाशरांची,18 मई (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी झारखंड प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश ने आज नियोजन नीति के सवाल पर फिर एकबार मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा किया। श्री प्रकाश आज प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि 19मई को खेलगांव स्थित टाना भगत स्टेडियम में राज्य के 3469हाई स्कूल शिक्षकों को स्कूली शिक्षा एवम साक्षरता विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नियुक्ति पत्र देने जा रहे हैं।श्री प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में मंच से राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता को बताएं कि ये नियुक्ति पत्र किस नियोजन नीति के तहत बांटे जा रहे।राज्य की जनता यह जानना चाहती है।उन्होंने कहा कि जहां तक इन शिक्षकों की नियुक्तियों का सवाल है तो जनता और अभ्यर्थी जानते हैं कि यह नियुक्ति रघुवर सरकार की देन है।इससे संबंधित विज्ञापन पुरवर्ती रघुवर सरकार के कार्यकाल 2016में निकाला गया था। परीक्षाएं भी भाजपा सरकार में हुई थी लेकिन कतिपय कारणों से जब मामला न्यायालय में गया तो ये हेमंत सरकार ही है जिसने बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए महंगे वकीलों के माध्यम से नियुक्ति प्रक्रिया का विरोध कराया।उन्होंने कहा बावजूद इसके उच्चतम न्यायालय ने अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसले दिए और नियुक्ति हेतु राज्य सरकार को निर्देशित किया।उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट हो गया कि रघुवर सरकार की नियुक्ति प्रक्रिया संवैधानिक रूप से सही थी।श्री प्रकाश ने कहा कि एक तरफ यह सरकार नियोजन नीति के नाम पर बेरोजगारों को दिग्भ्रमित करती है दूसरी ओर नियुक्तियां बांटकर अपना पीठ भी थपथपाना चाहती है। उन्होंने कहा कि आखिर साढ़े तीन वर्षों तक नियुक्तियों को लटकाने भटकाने का जिम्मेवार कौन है? क्यों इन नियुक्तियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने केलिए करोड़ों रुपए खर्च किए गए।उन्होंने कहा कि यह विचित्र सरकार है जो एक तरफ नियुक्ति प्रक्रिया का विरोध करने केलिए भी पैसा पानी की तरह खर्च करती है दूसरी तरफ उसी विज्ञापन से संबंधित नियुक्ति पत्र बांटकर विज्ञापन के माध्यम से करोड़ों रुपए खर्च कर अपना पीठ भी थपथपाती है।उन्होंने कहा कि शिक्षक अभ्यर्थियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की जिम्मेवार हेमंत सोरेन सरकार है। आखिर तीन वर्ष बाद नियुक्ति होने के कारण हुई आर्थिक क्षति केलिए जिम्मेवार कौन है?उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खुद दिग्भ्रमित है और जनता को भी दिग्भ्रमित करती है। नई नियोजन नीति के नाम पर 20से ज्यादा विज्ञापन इसी सरकार ने रद्द किए।उन्होंने कहा कि जब पुरवर्ती रघुवर सरकार की नीति सही है तो फिर बाकी रद्द विज्ञापनों पर भी सरकार अपनी राय स्पष्ट करे।उन्होंने कहा की पंचायत सचिवालय सचिव की नियुक्ति भी न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह सरकार लटकाए रखी है।विनय वार्ता