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पीएसएजेके ने किया स्कूलों का समय बदलने का विरोध

श्रीनगर, 30 अप्रैल (वार्ता) जम्मू-कश्मीर निजी स्कूल एसोसिएशन ने घाटी में स्कूलों का समय बदलकर अल सुबह करने के सरकार के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि यह केवल इसलिए किया जा रहा है ताकि कुछ सरकारी और सचिवालय के कर्मचारी आराम से कार्यालय पहुंच सकें।
एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि श्रीनगर में स्कूलों का समय बदलकर सुबह 0830 से 1430 करने का हालिया फैसला छात्रों विशेष तौर पर छोटे बच्चों को यातना देने जैसा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष जी. एन. वार ने एक बयान जारी कर कहा कि स्कूल का समय 0830 होने का मतलब है कि बच्चों को सात से आठ बजे के बीच बस में सवार होना होगा और इसके लिए उन्हें काफी सुबह उठना तथा तैयार होना पड़ेगा। कल्पना करें कि चार वर्ष या उससे भी कम उम्र के बच्चों तथा उसके माता-पिता को प्रतिदिन यह यातना सहनी होगी।
उन्होंने कहा कि बच्चे नींद पूरी नहीं होने के कारण कई बार बसों और कक्षाओं में ऊंघने लगते हैं। वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते। उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। श्री वार ने कहा कि एसोसिएशन स्कूली छात्रों के माता-पिता के संपर्क में है और उन्होंने बताया कि बच्चों को समय पर स्कूल भेजने के लिए भारी मन उनके बिस्तर से जबरन उठाना पड़ेगा। सुबह का समय गर्म प्रदेश में रहने वालों के लिए सही हो सकता है लेकिन यहां का मौसम समशीतोष्ण है और अधिकारियों को इसे समझना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ सरकारी और सचिवालय के कर्मचारियों के आराम से कार्यालय पहुंचने के लिए यह फैसला लिया गया है।
उन्होंने कहा कि यह वैज्ञानिक रूप से साबित तथ्य है कि बच्चे सुबह 10 बजे के बाद ही पूरी तरह सक्रिय हो पाते हैं और यही उन्हें पढ़ाने का सर्वश्रेष्ठ समय है। स्कूलों द्वारा लागू किये गये नये समय से बच्चे की सीखने की क्षमता प्रभावित हाेगी। पहले यह तय किया गया था कि स्कूल के समय में किसी किस्म का बदलाव एसोसिएशन और माता-पिता के साथ विचार-विमर्श के बाद ही किया जायेगा लेकिन इस बार एकतरफा निर्णय ले लिया गया जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं।
यामिनी.श्रवण
वार्ता
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