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पीओके से आतंकवादी भारतीय सीमा में घुसे

श्रीनगर, 18 अक्टूबर(वार्ता) जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से भारतीय सीमा में कुछ आतंकवादियों के घुसने की पुष्टि करते हुए कहा है कि सीमा पार से हो रही अधिकतर घुसपैठ की घटनाओं को सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया है।
श्री सिंह ने शुक्रवार को शोपियां मेेंं सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करते हुए सभी सुरक्षा एजेंसियोें के कमांडरों को यहां के सेब बागानों तथा अन्य स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने तथा गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए।
बुधवार रात को शोपियां में आतंकवादियों ने पंजाब के एक नागरिक की हत्या कर दी थी और एक अन्य को घायल कर दिया था।
उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा बलाें को अत्यधिक अलर्ट पर रखा गया है ताकि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होने वाली किसी भी घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया जा सके। सर्दियां बढ़ने से पहले काफी संख्या में आतंकवादी सीमा पार से भारतीय सीमा में घुसने की फिराक में हैं।
उन्होंने कहा“ पाकिस्तानी सैनिक 2003 के संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहे हैं और इनकी गोलीबारी की आड़ में पाकिस्तान प्रशिक्षित सैंकड़ों आतंकवादी इस तरफ घुसने की फिराक में हैं।”
श्री सिंह ने कहा कि कुछ आतंकवादी इस तरफ घुसने में कामयाब हो गए हैं और घुसपैठ की अधिकतर घटनाओं को सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया है।
शेपियां में फल कारोबारियों और बाहर से आए मजदूरों में भराेसा कायम रखने के वास्ते उन्होंने कल शोपियां का दौरा किया था।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि अब सेब बागानों और अन्य स्थानों पर सुरक्षा बल गश्त करेंगे ताकि सेब उत्पादक आराम से सेब तोड़ सके और इन्हें ट्रकों में लादकर गंतव्य स्थानों पर ले जाएं। उन्होंने कहा“ हमने कुछ स्थानों की पहचान की है जहां से फलाें को ट्रकों में लाद कर कश्मीर घाटी से बाहर की मंडियों में ले जाया सके। किसानों को छोटे वाहनों का इस्तेमाल करके बागानों से अपने उत्पादाें को लेकर चुनिंदा स्थानों तक ले जाना चाहिए जहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।”
शोपियां और पुलवामा में बाहरी लोगों की हत्या के बारे में एक सवाल पर उन्हाेंने कहा कि यह सब हताशा का परिणाम है क्योंकि कश्मीर के लोग शांति से रहना चाहते हैं और पंजाब निवासी चरणजीत सिंह की हत्या तथा दूसरे व्यक्ति को घायल करने वाले आतंकवादियाें की पहचान कर ली गई है। ये सलमान अफगानी, राहिल मागरे और नावेद भट्ट हैं जिनका संबंध लश्करै तैयबा तथा हिजबुल मुजाहिदीन से है। सुरक्षा एजेंसियां इनके पीछे हैं और जल्दी ही इनका सफाया कर दिया जाएगा।
उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि घाटी में मोबाइल तथा इंटरनेट सेवाओं को स्थगित किए जाने के बाद से आतंकवादियों के खिलाफ अभियान काफी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा“ जब हमारे पास मोबाइल कनेक्टीविटी थी तो हमें आतंकवादियों के बारे में जानकारी कुछ ही मिनटों में मिल जाया करती थी लेकिन मोबाइल सेवाओं के निलंबन के बाद हमें घंटों बाद इनके बारे में जानकारी मिलती है।”
गौरतलब है पहले हर माह औसतन 20 आतंंकवादी मारे जाते थे लेेकिन मोबाइल सेवाओं के निलंबन के बाद पांच अगस्त से मात्र छह आतंकवादी ही मारे गए हैं
जितेन्द्र आशा
वार्ता
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