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डीएके ने कश्मीर में फ्लू किट उपलब्ध कराने का आग्रह किया

श्रीनगर, 05 अक्टूबर (यूएनआई)कोरोना संक्रमण के दौरान इंफ्लूएंजा के बढ़ते मामलों को देखते हुए डॉक्टर्स एसोसिएशन कश्मीर (डीएके) ने मंगलवार को अधिकारियों से कश्मीर में इन्फ्लूएंजा परीक्षण किट उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
डीएके के अध्यक्ष और इन्फ्लूएंजा विशेषज्ञ डॉ निसार उल हसन ने एक बयान में कहा, “कोविड और फ्लू के समान लक्षण हैं और केवल अपने लक्षणों के आधार पर यह पता लगाना मुश्किल है कि मरीज की स्थिति कैसी है।”
उन्होंने कहा, कोविड से फ्लू को अलग करने का एकमात्र तरीका परीक्षण है तथा फ्लू और कोरोना ​​​​दोनों के लिए परीक्षण करने की आवश्यकता है ताकि यह पता चल सके कि किसी व्यक्ति को कौन सा वायरल संक्रमण है ताकि उसे समय पर बेहतर उपचार मिल सके।
उन्होंने कहा कि दोनों विषाणुओं के परीक्षण से स्वास्थ्य अधिकारियों को यह महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी कि फ्लू और कोरोना कैसे फैल रहे हैं और संचरण दर को कम करने के लिए क्या एहतियाती कदम उठाए जाने चाहिए।
डा़ हसन ने कहा कि फिलहाल हमारी प्रयोगशालाओं में केवल कोरोना के लिए परीक्षण किट हैं और इन्फ्लूएंजा के लिए किट नहीं हैं तथा कई मरीज़ जो अस्पतालों में बुखार के साथ साथ सांस की बीमारियों के साथ आते हैं, उन्हें इन्फ्लूएंजा के लिए परीक्षण करने की आवश्यकता होती है, लेकिन फ़्लू किट उपलब्ध न होने के कारण उनकी बीमारी का उचित प्रकार से निदान नहीं हो पाता है।
डीएके अध्यक्ष ने कहा कि पिछले दो सीजन में कोविड महामारी के कारण सामाजिक दूरी, कम यात्रा, घर रह कर काम करने तथा एहतियाती उपाय करने से फ्लू का असर उतना अधिक नहीं देखा गया लेकिन पिछले दो वर्षों के विपरीत, इस साल का फ्लू का मौसम गंभीर हो सकता है क्योंकि छात्र स्कूलों में लौट रहे हैं, लोगों ने आफिस जाना शुरू कर दिया है ।
डॉ निसार ने कहा कि पिछले दो सीज़न में लगभग इस बीमारी के मामले कम ही देखे गए हैं और इसी वजह से लोगों में फ़्लू के प्रति प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता का स्तर सामान्य से कम होगा।
उन्होंने कहा, हम फ्लू के बारे में आत्मसंतुष्ट नहीं हो सकते हैं क्योंकि यह अकेले ही बहुत परेशानी का कारण बन सकता है और कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है तथा दोनों मिलकर एक साथ कहर बरपा सकते हैं।
जितेन्द्र
वार्ता
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