Saturday, Apr 27 2024 | Time 10:48 Hrs(IST)
image
राज्य » जम्मू-कश्मीर


चिनाब नदी पर दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल के ‘गोल्डन जॉइंट’ का काम पूरा

जम्मू 13 अगस्त (वार्ता) ‘भारत माता की जय’ के उदघोष और पटाखों की गूंज के बीच शनिवार को जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल संपर्क के दो सिरों को जोड़ने का काम (गोल्डन जॉइंट) पूरा हो गया।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी सुरेंद्र माही ने को ‘गोल्डन जॉइंट’ को एक बड़ा मील का पत्थर बताया और कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी यूएसबीआरएल परियोजना का एक हिस्सा दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल का ओवरआर्क डेक 'गोल्डन जॉइंट' के साथ पूरा हो गया है तथा ट्रेनों के लिए ट्रैक बिछाने का काम जल्द ही शुरू कर दिया जायेगा।
श्री माही ने कहा , “ ‘गोल्डन जॉइंट’ प्रक्रिया में पुल के दोनों सिरों को जोड़ लिया गया और पुल लगभग पूरा हो गया है। डेक पूरा होने के बाद ट्रैक बिछाने का काम और परीक्षण बहुत जल्द शुरू हो जाएगा, जिससे ट्रेनों के चलने का एक नया अध्याय शुरू हो जायेगा।”
कोंकण रेलवे के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजय गुप्ता ने कहा कि यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल है और 'गोल्डन जॉइंट' शब्द सिविल इंजीनियरों द्वारा गढ़ा गया है। फ्रांस के एफिल टॉवर से भी ऊंचा 1315 मीटर लंबा और 359 मीटर ऊंचाई वाला यह पुल सलाल-ए और दुग्गा रेलवे स्टेशनों को चिनाब नदी से जोड़ेगा।
उन्होंने बताया कि यूएसबीआरएल परियोजना के हिस्से के रूप में पुल का निर्माण 28,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जा रहा है। यह 111 किलोमीटर लंबे कटरा-बनिहाल रेलवे खंड को पूरा करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है, जिसके लिए हिमालय की पहाड़ियों का खनन किया जा रहा है। इसमें 97 किमी टनलिंग परियोजना के लिए की जानी है और अब तक लगभग 86 किमी टनलिंग का काम पूरा हो चुका है।
श्री गुप्ता ने बताया कि चिनाब नदी पर बने इस पुल के पाए 266 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा की गति को झेलने में सक्षम है और इनका वजन 10,619 टन है। इस परियोजना के निर्माण में स्थानीय गांवों के लिए 26 किलोमीटर मोटर योग्य सड़कों का निर्माण, 1,486 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से लगभग 28,660 मीट्रिक टन स्टील का निर्माण और 80 प्रतिशत से अधिक निर्माण कौरी, बक्कल और सुरंडी में साइट कार्यशालाओं में किया गया है। संरचना में प्रयुक्त स्टील माइनस 10 डिग्री सेल्सियस से लेकर माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान के लिए उपयुक्त है।
उन्होंने बताया कि पुल का न्यूनतम जीवनकाल 120 वर्ष होगा और इसे 100 किमी की गति से ट्रेनों के लिए बनाया जा रहा है। यह ब्रिज ब्लास्ट लोड और भीषण भूकंप को झेलने की क्षमता रखता है। पुल में 93 डेक खंड हैं, जिनमें से प्रत्येक का वजन लगभग 85 टन है।
उत्तर रेलवे ने प्रतिष्ठित चिनाब ब्रिज के निर्माण का जिम्मा कोंकण रेलवे को एक कार्यकारी एजेंसी के रूप में सौंपा है। पुल का मुख्य मेहराब 467 मीटर रैखिक लंबाई (घुमावदार लंबाई 550 मीटर) है, जो शक्तिशाली चिनाब नदी के पार डोलोमाइट चूना पत्थर की पहाड़ी पर दो विशाल नींव पर टिकी हुई है। परीक्षण कार्य को सुविधाजनक बनाने के लिए साइट पर परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं के लिए एक राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) मान्यता प्रयोगशाला स्थापित की गई है।
अशोक
वार्ता
image