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भूपेश के खिलाफ अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले को किया खत्म

दुर्ग 18 अक्टूबर(वार्ता)छत्तीसगढ़ में दुर्ग की एक विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ आवासीय भूमि के आवंटन के मामले में दर्ज मामले को वापस लेने की अनुमति प्रदान करते हुए कहा कि सम्बधित मामला श्री बघेल के खिलाफ किसी आपराधिक कार्रवाई का आधार नही हो सकता।
विशेष न्यायधीश अजीत कुमार राजभानू की अदालत में श्री बघेल एवं अन्य के विरूद्द 2016 में दर्ज इस मामले को वापस लेने की पिछले महीने भ्रष्टाचार निवारण संगठन(एसीबी) ने यह कहते हुए अर्जी दी थी कि जांच में श्री बघेल के खिलाफ कोई मामला नही बनता है।अदालत ने इस पर मामले के सभी तीन शिकायत कर्ताओं को नोटिस कर उनसे जवाब मांगा।
शिकायतकर्ता विजय बघेल एवं अन्य ने एसीबी के मामला वापस लेने की अर्जी के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई थी।अदालत ने इस मामले में कल निर्णय सुनाते हुए शिकायतकर्ताओं की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला नही बनता।आरोपी भूपेश बघेल ने अपने पद एवं हैसियत का दुरूपयोग कर स्वयं एवं अन्य को लाभ दिलाना भी प्रमाणित नही होता।
अदालत ने कहा कि अगर वसुंधरा नगर में तीन हजार वर्ग फुट से अधिक भूमि के आंवटन को किसी अधिनियम का उल्लघंन मान भी लिया जाय तो भी यह आवंटन को रद्द करने कै विधिक धार हो सकता है पर किसी आपराधिक कार्रवाई का आधार नही हो सकता।अदालत ने इसके साथ ही लिया जाय तो दिया और एसीबी को मामला वापस लेने की अनुमति दे दी।
श्री बघेल के खिलाफ 2016 में उऩके प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते दर्ज हुआ था।उनके नजदीकी सम्बन्धी एवं दुर्ग के मौजूदा सांसद विजय बघेल एवं अन्य की शिकायत पर तत्कालीन कलेक्टर ने एक समिति गठित की थी जिसकी सिफारिश पर एसीबी ने मामला दर्ज किया था।कांग्रेस ने उस समय इसे तत्कालीन भाजपा सरकार की उत्पीड़क कार्रवाई बताते हुए काफी आन्दोलन भी किया था।
साहू
वार्ता
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