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मुनगा जंगल में हुई मुठभेड़ को ग्रामीणों ने बताया फर्जी, जांच की मांग

दंतेवाड़ा, 07 नवंबर(वार्ता) छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण थाना क्षेत्र के मुनगा जंगल में मंगलवार को हुई मुठभेड़ को ग्रामीणों ने फर्जी बतातेे हुए कहा है कि मारे गए हिड़मा और लखमा दोनों निर्दोष थे तथा खेत में सूअर से फसल की रखवाली कर रहे थे। वहीं से पुलिस के जवान उन्हें उठाकर ले गए और गोली मार दी।
यह आरोप कथित नक्सलियों के परिजनों ने लगाए हैं। दोनों मृतक ग्रामीणों की पत्नी और मां ने दंतेवाड़ा पहुंचकर शव लेने से इन्कार कर दिया है। वे फर्जी मुठभेड़ की जांच और मुआवजा की मांग कर रहे हैं। मंगलवार को कटेकल्याण थाना इलाके में हुई मुठभेड़ में मारे गए ग्रामीणों को परिजन निर्दोष बता रहे हैं। बुधवार को दो पिकअप में सवार होकर करीब 70-80 ग्रामीण दंतेवाड़ा पहुंचे थे। वे स्थानीय आदिवासियों से मुलाकात कर मुठभेड़ की जांच और मुआवजा की मांग कर रहे हैं।
मांईजी की बगिया में हो रही सर्व समाज की बैठक में भी मृतकों के परिजनों ने पहुंचकर अपनी बात रखी। हिड़मा की पत्नी बामी, मां सुकड़ी, लखमा की पत्नी हड़मे, मां हुंगी और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि मारे गए दोनों ग्रामीण नक्सली नहीं हैं।वे गांव के करीब खेत में सूअर से फसल की रखवाली कर रहे थे, तभी पुलिस वहां पहुंची और दोनों को कुछ दूर ले जाकर गोली मार दी।
बड़े गादम गांव के ग्रामीणों का कहना है कि मारे गए हिड़मा और लखमा को बाद में नक्सली वर्दी पहनायी गई है। वे पहले बरमुडा के साथ बनियान और लाल रंग की शर्ट पहने हुए थे। गांव के सूअर खेत में आकर फसल को बर्बाद कर रहे हैं। उसकी रखवाली के लिए दोनों वहां थे। फोर्स सुबह वहीं से अपने साथ ले गई थी।
करीम.व्यास
वार्ता
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