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भोपाल गैस त्रासदी मामलें में पूर्व में पारित आदेश का परिपालन सुनिश्चित करने मांगे सुझाव

जबलपुर, 25 नवंबर (वार्ता) भोपाल गैस त्रासदी मामलें की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ए के मित्तल तथा जस्टिस एम एफ अनवर की युगलपीठ ने पूर्व में पारित आदेश का परिपालन सुनिश्चित करने सभी पक्षों से सुझाव मांगे है। युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 18 दिसम्बर को निर्धारित की गयी है।
भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन सहित अन्य की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि सर्वोच्च न्यायालय ने भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार और पुनार्वास के संबंध में 20 निर्देश जारी करते हुए मानीटरिंग कमेटी का गठन किया था। सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी निर्देश जारी किया था कि मॉनीटरिंग कमेटी अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करेगी। हाईकोर्ट रिपोर्ट का अवलोकन कर राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश जारी करेगा।
इस आदेश का परिपालन नहीं किये जाने के खिलाफ भी हाइकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गयी थी। दायर अवमानना याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी निदेर्शों का परिपालन केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है। गैस त्रासदी के पीड़ित व्यक्तियों के हेल्थ कार्ड तक नहीं बने है। इसके अलावा अस्पतालों में अवश्यकता अनुसार उपकरण और दवाएं उपलब्ध नहीं है। गैस पीड़ितों के लिये भोपाल में कुल 6 अस्पताल है, लेकिन वहाँ पर अस्थायी तौर पर डॉक्टरों और स्टॉफ की भर्ती होती है, सर्विस कंडीशन एवं रूल्स नहीं होने के कारण डॉक्टर और स्टॉफ इस्तीफे दे देते है। भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर में भर्ती के लिए सर्विस रूल्स एक साल पहले निर्धारित किये गये थे, परंतु अभी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।
इस संबंध में याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ और अधिवकता राजेश चंद्र ने पैरवी की।
सं विश्वकर्मा
वार्ता
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