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मध्यप्रदेश के शिवपुरी एवं बैतूल देश के मैदानी इलाकों में सबसे ठंडे शहर

भोपाल, 06 जनवरी (वार्ता) देश के मैदानी इलाकों में आज मध्यप्रदेश के शिवपुरी और बैतूल शहर सबसे ठंडे रहे। यहां रात्रि का तापमान 4 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड हुआ है। यह दोनों शहर कल से शीतलहर की चपेट में है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की वेब साइट के अनुसार पश्चिम मध्यप्रदेश के शिवपुरी एवं बैतूल में न्यूनतम तापमान 4-4 डिग्री रिकाॅर्ड हुआ है, जो देश के मैदानी इलाकों में सबसे कम है।
माैसम विज्ञान केन्द्र भोपाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक पी के साहा ने 'यूनीवार्ता’ को बताया कि प्रदेश के शिवपुरी एवं बैतूल शहरों में आज जबर्दस्त शीतलहर चल रही है। यह दोनों शहर 5 जनवरी से शीतलहर की चपेट में आए हुए हैं। बैतूल में रात का तापमान 4 डिग्री दर्ज हुआ जो सामान्य से 5.8 डिग्री कम है। इसी प्रकार शिवपुरी में भी न्यूनतम तापमान 4 डिग्री ही रहा, जो सामान्य से 3.1 डिग्री कम है।
श्री साहा ने बताया कि मध्यप्रदेश में मौसम विभाग के कुल 33 स्टेशन है , उनमें से 26 स्टेशन पर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम है,अर्थात प्रदेश के 70 से 80 प्रतिशत स्थानों पर रात का पारा दस डिग्री से नीचे रहा। जबलपुर में भी एवं शिवपुरी में कड़ाके की ठंड पड रही है।
उन्होंने बताया कि न्यूनतम तापमान पचमढ़ी में 4.2 डिग्री, रायसेन में 5.5, उमरिया एवं खरगोन में 6.2, छिंदवाडा 7, रीवा 7.4,दमोह 7.5,मलाजखंड 7.5 , रतलाम 7.6, जबलपुर, नरसिंहपुर एवं सीधी में 8, ग्वालियर एवं दतिया में 8.1, नौगांव 8.2, सिवनी,राजगढ़ एवं टीकमगढ़ में 8.4, गुना 8.6, सतना 8.7, उज्जैन 9, शाजापुर 9.2, भोपाल 9.3 तथा खंडवा में 9.4 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ है।
श्री साहा ने बताया कि राजधानी भोपाल में सुबह मामूली कोहरा रहा लेकिन सूर्योदय होने पर धूप खिली। दिनभर गुनगुनी धूप से लोगों को ठंड से कुछ राहत मिली। यहां कल की तुलना में न्यूनतम तापमान 2.1 डिग्री बढकर आज 9.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है, जो सामान्य से एक डिग्री ज्यादा है। अगले 24 घंटों में भी भोपाल के तापमान में ज्यादा परिवर्तन नहीं होगा। एक-आध डिग्री ऊपर नीचे रह सकता है।
श्री साहा के अनुसार एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ और तैयार हो रहा है जिससे 9 एवंं 10 जनवरी को भोपाल,ग्वालियर सहित कई स्थानों पर गरज चमक के साथ बारिश होने का अनुमान है,तथा कहीं कहीं खासकर पूर्वी मध्यप्रदेश में ओलावृष्टि भी हो सकती है। इस बार वर्षा की गति ज्यादा भी रह सकती है।
इसी के साथ अगले दो दिन में पश्चिमी राजस्थान की ऊपरी हवाओं में एक प्रेरित चक्रवाती घेरा (इन्डयूस्ड साइक्लोनिक सर्कुलेशन) बन रहा है जो पश्चिमी विक्षोभ को और प्रोत्साहित कर सकता है।
व्यास प्रसाद
वार्ता
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