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मध्यप्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या 86, अब तक छह की मौत

भोपाल, 01 अप्रैल (वार्ता) मध्यप्रदेश में कोरोना के संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 86 हो गई है, अब तक इस बीमारी के चलते छह लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार कल रात जारी बुलेटिन में इंदौर में 19 नए मामले मिले, जिसके चलते वहां प्रभावितों की संख्या बढ़कर 63 हो गयी। वहीं, खरगोन निवासी एक व्यक्ति की तीन दिन पूर्व हुयी मौत के बाद उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पायी गयी है। उज्जैन में अब तक 6 मामले मिलें है। इसी प्रकार भोपाल में 4, जबलपुर में 8, शिवपुरी और ग्वालियर में दो-दो मामले अब तक मिल चुके हैं।
प्रदेश के इंदौर में अब तक कोरोना के मामले सबसे अधिक मिले हैं। वहां पिछले दो दिनों में ही 36 नए मामले मिलें, जिससे प्रभावितों की संख्या बढ़कर 63 हो गयी, जिसमें तीन की मृत्यु हो गयी है। इसके अलावा उज्जैन में दो कोरोना मरीज की मौत हुयी है। वहीं खरगोन में तीन दिन पूर्व जिस व्यक्ति की मृत्यु हुयी थी, उसकी भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसे मिलाकर अब तक प्रदेश में कोरोना से छह मृत्यु हुयी हैं।
प्रदेश में कुल 989 कोरोना संदिग्धों के सेम्पल लिए गए हैं, जिसमें 587 की रिपोर्ट निगेटिव आयी है। इसके अलावा चार हजार सात सौ पांच यात्रियों को निगरानी के लिए चिन्हाकिंत किया गया तथा 1296 यात्री क्वारेंटाइन पूर्ण कर चुके हैं। वहीं 450 यात्रियों को अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया, जबकि 3141 काे घर पर ही क्वारेंटाइन किया गया है।
प्रदेश के सभी जिलों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। हालांकि इस बीच आवश्वयक खाद्य पदार्थो की लगातार अापूर्ति प्रशासन द्वारा करायी जा रही है। लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के कई जिलों में अलग अलग राज्यों से दिहाडी मजदूर भी पहुंच रहे हैं, जिन पर प्रशासन की नजर है। उन सभी को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है। इसके अलावा प्रशासन द्वारा कोरोना से बचाव के सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कोरोना संकट की घड़ी में हर स्थिति पर नजर बनाये हुए है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में कोरोना पर नियंत्रण के लिए जाँच, उपचार और आइसोलेशन की सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की गई हैं। राज्य सरकार ने नागरिकों को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। प्रदेश में निचले स्तर तक इसके इलाज के लिये अस्पताल चिन्हांकित किए गए हैं।
नाग
वार्ता
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