राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Oct 14 2021 5:52PM एमएसएमई विकास नीति से बनेगा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेशभोपाल, 14 अक्टूबर (वार्ता) राज्य शासन ने लघु- मध्यम और सूक्ष्म उद्यमों के मार्फत युवाओं को रोजगार दिलाने और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिये अपनी एमएसएमई विकास नीति 2021 का ऐलान किया है। इसके तहत उद्योगों को कई तरह के पैकेज के साथ विभिन्न इकाईयों को तरह-तरह की सुविधाएँ दी जाएंगी।आधिकारिक जानकारी के अनुसार एमएसएमई की नई विकास नीति में फार्मास्यूटिकल सेक्टर के लिए अनेक रियायतें देने का ऐलान किया है। नीति में प्रावधान किया गया है कि फार्मास्यूटिकल लैब की मशीनरी और उपकरण की स्थापना में किये गये व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम 25 लाख रुपए की प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा की जाएगी। यह सहायता संयंत्र एवं मशीनरी में अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक का निवेश करने वाली इकाईयों को ही प्राप्त होगी। फार्मास्यूटिकल इकाईयों के लिये औद्योगिक क्षेत्र, बहुमंजिला औद्योगिक परिसर, क्लस्टर के विकासकर्ता को विकास में किये गये व्यय का 60 प्रतिशत अधिकतम 500 लाख यानि 5 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति दिए जाने का प्रावधान भी किया गया है। एमएसएमई विकास नीति में प्रावधान है कि उद्योग विकास अनुदान रियायत की गणना के प्रयोजन के लिए भवन संयंत्र और मशीनरी की लागत की 200 प्रतिशत तक सीमित होगी। निर्यात के साथ तैयारी हेतु डब्ल्यूएचओ जीएमपी या यू. एस. एफ.डी.ए. प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिये सुविधाओं का सृजन करने में किये गये व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम 50 लाख रुपए की प्रतिपूर्ति की जाएगी। इसी तरह संयंत्र एवं मशीनरी में 10 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने वाली फार्मास्यूटिकल एमएसएमई को वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने की दिनांक से प्रथम 2 वर्ष को स्लेक पीरियड के रूप में मान्य किया जाएगा। इस प्रावधान में सहायता की अवधि यथावत 7 वर्ष शर्तों के अध्याधीन होगी। विश्वकर्मावार्ता