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मध्यप्रदेश : तस्वीर साफ, खजुराहो छोड़ कर शेष सभी सीटों पर आमने-सामने का मुकाबला

भोपाल, 06 अप्रैल (वार्ता) कांग्रेस की ओर से आज मध्यप्रदेश की 29 में से शेष तीन लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम सामने लाए जाने के बाद अब राज्य की सभी सीटों पर दोनों दलों भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के प्रत्याशियों और उनके बीच मुकाबले को लेकर स्थिति लगभग स्पष्ट हो गई है।
कांग्रेस ने आज तीन लोकसभा सीटों मुरैना, ग्वालियर और खंडवा पर अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं। अब पार्टी के सभी 29 में से 28 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम सामने आ गए हैं।
राज्य की सबसे चर्चित सीटों में से एक खजुराहो को कांग्रेस ने अपने गठबंधन 'इंडिया' के साथी दल समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ दिया था। हालांकि सपा की खजुराहो प्रत्याशी श्रीमती मीरा यादव का नामांकन कल जांच के दौरान निरस्त हो गया है। ऐसे में अब इस सीट पर मुख्य प्रत्याशी के ताैर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का नाम ही रह गया है।
भाजपा ने इस बार मध्यप्रदेश की छह लोकसभा सीटों पर महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस की ओर से मात्र एक महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। भाजपा की तीन महिला प्रत्याशी पहली बार सांसद प्रत्याशी बनाई गईं हैं, जबकि तीन पहले भी सांसद रह चुकी हैं।
भिंड सीट से भाजपा की मौजूदा सांसद संध्या राय के सामने बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में गए विधायक फूल सिंह बरैया चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। धार संसदीय सीट से भाजपा ने अपनी पूर्व सांसद सावित्री ठाकुर पर फिर भरोसा जताया है, जिनसे मुकाबले के लिए कांग्रेस ने नए चेहरे राधेश्याम मुवेल को मैदान में उतारा है। शहडोल संसदीय क्षेत्र से भाजपा की युवा सांसद हिमाद्री सिंह एक बार फिर प्रत्याशी हैं। उनके सामने कांग्रेस के वर्तमान विधायक फुंदेलाल मार्को हैं।
मध्यप्रदेश के सीमावर्ती संसदीय क्षेत्र और नक्सलियोंं के आतंक के लिए कुख्यात बालाघाट से इस बार भाजपा ने एक नए चेहरे भारती पारधी पर दांव लगाया है। उनका मुकाबला कांग्रेस के सम्राट सारस्वत से होगा। आदिवासीबहुल संसदीय क्षेत्र रतलाम-झाबुआ में भी भाजपा ने युवा और नए चेहरे अनिता नागरसिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया है। हालांकि वे राज्य के मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी हैं, लेकिन सांसद प्रत्याशी के तौर पर उनका नाम पहली बार सामने लाया गया है। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया से होने वाला है, ऐसे में इस सीट पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। बुंदेलखंड की अहम सीट और भाजपा के गढ़ सागर से भी भाजपा ने इस बार नए चेहरे लता वानखेड़े को मौका दिया है, हालांकि कांग्रेस द्वारा इस सीट पर भाजपा से ही कांग्रेस में आए दिग्गज नेता गुड्डू राजा बुंदेला को उतारे जाने से इस सीट को भी खासी लाइमलाइट मिल गई है।
पिछले लोकसभा चुनाव में राज्य की सबसे चर्चित भोपाल सीट पर दोनों ही दलों ने इस बार अपने प्रत्याशी बदल दिए हैं। पिछली बार यहां से भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कांग्रेस के सबसे दिग्गज नेताओं में से एक दिग्विजय सिंह को बड़े अंतर से पटखनी दी थी, लेकिन इस बार भाजपा ने यहां से भाेपाल की राजनीति के वरिष्ठ नेता आलोक शर्मा पर भरोसा जताया है। कांग्रेस ने भी इस बार दिग्विजय सिंह को भोपाल से सटी राजगढ़ सीट पर भेज कर भोपाल से स्थानीय नेता अरुण श्रीवास्तव को मौका दिया है। वहीं दिग्विजय सिंह का राजगढ़ में भाजपा के मौजूदा सांसद रोडमल नागर से मुकाबला बेहद दिलचस्प दिखाई दे रहा है।
भोपाल से सटी विदिशा सीट का नाम देश की उन सीटों में शुमार है, जहां से भाजपा अक्सर दिग्गजों को चुनावी मैदान में उतारती है। यहां से इस बार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मैदान में हैं। उनका सामना कांग्रेस के पूर्व सांसद भानुप्रताप शर्मा से हो रहा है। ये दोनों ही प्रत्याशी इस सीट के लिए नए नहीं हैं। दोनों यहां से पहले भी कई बार सांसद रह चुके हैं।
राज्य की एक और सीट गुना-शिवपुरी उन सीटों में से एक है, जहां देश भर की निगाहें टिकी हैं। पिछली बार इस सीट से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनावी रण में उतर कर भाजपा प्रत्याशी के पी यादव से पराजित हो गए थे। इस बार यहां की तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। श्री सिंधिया इस बार यहां से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर उतरे हैं और उनका सामना भाजपा से कांग्रेस में गए राव यादवेंद्र सिंह यादव से हाेगा।
इंदौर भी राज्य की उन सीटों में से एक है, जो सर्वाधिक चर्चाओं में रहती है। भाजपा यहां से इस बार फिर सांसद शंकर ललवानी के भरोसे है, वहीं कांग्रेस ने भाजपा की गढ़ इस सीट पर फिर अपना प्रत्याशी बदल दिया है। शंकर ललवानी के सामने कांग्रेस के अक्षय बम मैदान में हैं।
छिंदवाड़ा राज्य की एकमात्र वो सीट है, जहां समूची भाजपा ने इस बार फिर जोर लगाया हुआ है। दरअसल ये सीट पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गृह क्षेत्र है, जहां से कांग्रेस की ओर से इस बार भी श्री कमलनाथ के पुत्र और मौजूदा सांसद नकुलनाथ चुनावी मैदान में हैं। भाजपा ने यहां से पार्टी के जिलाध्यक्ष विवेक साहू बंटी पर फिर भरोसा जताया है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा ही एकमात्र वो सीट थी जो कथित प्रचंड 'मोदी लहर' के बावजूद कांग्रेस के खाते में गई थी।
गरिमा प्रशांत
वार्ता
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