राज्य » अन्य राज्यPosted at: Nov 6 2018 11:24PM वाईएमए के सूत्र ने कहा कि चुनाव आयोग इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करने में समय लेगा। इस मुद्दे पर सीईओ के कार्यालय पर प्रदर्शन और घेराव जारी रहेगा और बुधवार से एक बार फिर इसकी शुरुआत की जाएगी।सूत्र ने कहा, “हमारी मांग स्पष्ट है। श्री शशांक को हटाया जाना चाहिए और त्रिपुरा के राहत शिविरों में रह रहे ब्रू मतदाताओं को राहत शिविरों में मतदान केंद्र स्थापित कर उनको कोई अतिरिक्त लाभ नहीं दिया जाना चाहिए। इसी वर्ष हुए समझौते के अनुसार मिजोरम लौटने के इच्छुक ब्रू शरणार्थियों को किसी भी अन्य राज्य या मिजोरम के अन्य नागरिकों की तरह संबंधित मतदाता केंद्रों में मतदान करना चाहिए।” इससे पहले मंगलवार को मिजो छात्रों, एनजीओ कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय के बाहर और सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। अपराह्न मेें प्रदर्शनकारी आंदोलन को रोक कर चुनाव आयोग के विशेष प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक करने लिए सहमत हो गये थे। राज्य के अन्य हिस्सों से भी विरोध-प्रदर्शन की जानकारी मिली है। मिजोरम-त्रिपुरा-बंगलादेश के सीमावर्ती कस्बे मामित में एनजीओ की समन्वय समिति ने मंगलवार को बंद का आयोजन कर श्री शशांक को हटाने की मांग की। एनजीओ की समन्वय समिति ने मिजोरम सरकारी कर्मचारी एवं कामगार संघ से आंदोलन को समर्थन देने और काम रोकने की अपील की थी।पिछले सप्ताह तत्कालीन गृह सचिव लालनुनमावैया चौनगो को हटाने वाले चुनाव आयोग पर दबाव बढ़ता जा रहा है। मिजोरम में 28 नवबंर को चुनाव होना है।मुख्यमंत्री एल. ललथनहवला और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष जे. वी. लुना ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मुख्य चुनाव अधिकारी को हटाने की मांग की। दिनेश, यामिनीवार्ता