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अल्मोड़ा के स्याल्दे में आतंक का पर्याय बना आदमखोर तेंदुआ ढेर

नैनीताल, 27 जनवरी (वार्ता) उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद के स्याल्दे में आतंक का पर्याय बने आदमखोर तेंदुए को ढ़ेर कर दिया गया है। इस घटना के बाद आसपास के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।
अल्मोड़ा जनपद के प्रभागीय वनाधिकारी महातिम यादव ने बताया कि स्याल्दे तहसील के बारंगल गांव में मंगलवार रात को शिकारियों के दल ने आदमखोर तेंदुए को मार दिया। तेंदुआ का कई दिनों से पीछा किया जा रहा था लेकिन कल देर रात को हिमाचल प्रदेश से आये शिकारी रमेश चौहान ने उसे ढ़ेर कर दिया है।
बताया जा रहा है कि तेंदुए की उम्र 12 वर्ष है और उसके दांत एवं नाखून घिसे हुए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि शिकार करने में अक्षम होने पर तेंदुआ जंगली जानवरों के बजाय आदमियों खासकर महिलाओं को शिकार बना रहा है। स्याल्दे तहसील के दूरस्थ बारंगल गांव में तेंदुए ने विगत 17 जनवरी को बुजुर्ग महिला शांति देवी (50) को अपना निवाला बनाया था। तेंदुए ने महिला पर रात के अंधेरे में घर के आंगन में हमला किया और जंगल में घसीट कर ले गया।
अगले दिन महिला का क्षत विक्षत शव जंगल में पाया गया था। इससे पहले तेंदुआ गांव के दो अन्य महिलाओं को घायल कर चुका था। इन घटनाओं के बाद ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया था। इसके बाद वन विभाग हरकत में आया और शासन ने तेंदुए को आदमखोर घोषित कर दिया और उसे जिंदा या मुर्दा पकड़ने और मारने के निर्देश जारी कर दिये गये।
आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिये वन विभाग की ओर से प्रशिक्षित शिकारियों के दो दल प्रभावित गांवों में तैनात कर दिये गये थे। टीम के साथ वन विभाग के कर्मचारी भी प्रभावित गांवों में तैनात कर दिये गये। प्रशिक्षित शिकारियों के दल में ज्वाय हुकिल व हिमाचल प्रदेश के रमेश चौहान शामिल थे।
वन विभाग की ओर से मृतक तेंदुए को आज अल्मोड़ा जनपद मुख्यालय लाया गया और अन्य आवश्यक खानापूर्ति को अंजाम दिया गया।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
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