राज्य » अन्य राज्यPosted at: May 25 2021 4:26PM उत्तरकाशी वनगूर्जर मामला: हाईकोर्ट ने उत्तरकाशी डीएम को दिये महत्वपूर्ण निर्देशनैनीताल, 25 मई (वार्ता) उत्तराखंड के उत्तरकाशी में वनगूर्जरों का मामला प्रशासन के गले की फांस बन गया है। उच्च न्यायालय ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि वनगुर्जरों के लिये पक्का आवास एवं खाने पीने की सुविधा के साथ मवेशियों के लिये भी चारा उपलब्ध करायें।मुख्य न्यायाधीश आर.एस. चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में थिंक एक्ट राइज फाउंडेशन नामक गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) की ओर से दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। संस्था के अर्जुन कसाना की ओर से प्रार्थना पेश कर कहा गया कि उत्तरकाशी जनपद में लगभग 150 वनगूर्जरों एवं उनके मवेशियों के सामने जीवन का संकट उत्पन्न हो गया है। इनको गोविन्द पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान प्रशासन की ओर से पार्क में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है। लिहाजा ये वनगुर्जर खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। मवेशी भूख से मर रहे हैं। उद्यान प्रशासन कोविड महामारी का हवाला देते हुए उद्यान में प्रवेश की अनुमति नहीं दे रहा है। ये पिछले एक महीने से टौंस वन प्रभाग के अंतर्गत खुले में रहने को मजबूर हैं। अदालत ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया और सख्त रूख अख्तियार करते हुए इसे संविधान की धारा 21 के तहत मौलिक अधिकारों का हनन बताया और चिंता जताई की कि वनगूर्जर जिसमें वृद्ध, बच्चे एवं महिलायें शामिल हैं, खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। अदालत ने अंत में उत्तरकाशी के जिलाधिकारी व उद्यान उप निदेशक को निर्देश दिये कि वह सभी वनगूर्जरों के लिये पक्का आवास, खाना-पीना साथ ही दवाई की व्यवस्था करे और उनके मवेशियों के लिये भी चारा की व्यवस्था करे। साथ ही कहा कि इस मामले की प्रगति रिपोर्ट 16 जून को होने वाली सुनवाई से पहले अदालत में पेश करें। रवीन्द्र, उप्रेतीवार्ता