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मणिपुर में गांवों पर हमला, 25 आतंकी गिरफ्तार, सुरक्षा कड़ी

इंफाल, 29 मई (वार्ता) मणिपुर की राजधानी इंफाल में सोमवार को लीमाखोंग सैन्य मुख्यालय के पास खुरखुल एवं अन्य मैतेई गांवों में हथियारबंद आतंकियों ने हमला किया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आतंकियों के अत्याधुनिक हथियारों से लैस होने के कारण ग्रामीण आसपास के स्थानों की ओर भाग गए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज देर रात राज्य पहुंचने वाले हैं जिसके लिए वहां की सुरक्षा व्यवस्ता कड़ी की गई है।
सैनिकों ने हथियार रखने एवं घरों को जलाने की कोशिश करने के आरोप में 25 लोगों को भी गिरफ्तार किया। राज्य के सभी पांच जिलों में पूरे दिन कर्फ्यू में ढील नहीं दी गई और 03 मई से झड़पें शुरू होने के बाद से वहां इंटरनेट भी बंद है।
मुख्यमंत्री एन बीरेन ने कहा कि यह संघर्ष अब सशस्त्र कुकी आतंकियों और सरकार के बीच है। इंफाल पूर्व जिले में इंसास राइफल और मैगजीन के साथ तीन लोगों को 5.56 एमएम की 60 गोली, गोला-बारूद, एक चीनी हथगोला और एक डेटोनेटर के साथ गिरफ्तार किया गया।
एक अन्य घटना में सेना ने इंफाल पूर्व में घरों को जलाने की कोशिश करने वाले 22 लोगों को गिरफ्तार किया, उन आतंकियों ने स्वचालित हथियारों से सेना की टुकड़ियों पर गोलियां भी चलाईं। उनके पास से पांच 12 बोर की डबल बैरल राइफल, तीन सिंगल बैरल राइफल, डबल बोर वाला एक देसी कट्टा और एक मज़ल लोडेड हथियार भी बरामद किया गया। सेना ने त्वरित कार्रवाई करते हुए लोगों के बहुमूल्य जीवन को सुरक्षित किया और आगजनी की अनेक घटनाओं को रोका।
इस बीच, मणिपुर के मुख्य सचिव डॉ. विनीत जोशी ने एक आदेश में कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे हुए कई लोग मणिपुर के बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी साझा कर रहे हैं लेकिन उनमें से कई सूचनाएं गलत, फर्जी और झूठी अफवाह पाई गई हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसी गलत सूचनाएं जनता को गुमराह करती है, हिंसा भड़कती है और हथियारों का उपयोग करने और राज्य के खिलाफ विद्रोह करके राज्य में वर्तमान स्थिति को खराब करने की क्षमता रखती है, जिससे मानवीय जीवन को नुकसान होता है, लोगों की जान जाती है और संपत्तियों को नुकसान पहुंचता है, जबकि राज्य सरकार शांति स्थापित करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी कोशिश कर रही है।
बयान में कहा गया कि, इसलिए इस प्रकार की गलत जानकारी देना या अपवाह फैलाना राजद्रोह के बराबर होगा और कोई भी व्यक्ति देश के कानूनों के अंतर्गत अभियोजन का पात्र होगा और अगर वह फेक न्यूज, झूठ, अफवाह या गलत सूचना देते या फैलाते हुए पाया जाता है तो राज्य सरकार कानून के अनुसार उसपर कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगी।
अभय अशोक
वार्ता
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