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नशा मामलों की जल्द सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों का सुझाव

चंडीगढ़, 26 जून(वार्ता)पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने नशे के मामलों की सुनवाई तेज करने के लिये त्वरित अदालतों का सुझाव दिया है ।
उन्होंने आज यहां कहा कि एन.डी.पी.एस. के अंतर्गत अपराधियों के लिए जल्द सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों के मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मिलेंगे । वह आज यहां उपायुक्तों और जिला पुलिस प्रमुखों के साथ नशे के ख़ात्मे की प्रगति का जायज़ा लेने के साथ-साथ भावी रणनीति पर भी विचार-विमर्श कर रहे थे । इससे पहले नशों के विरुद्ध व्यापक कार्य योजना गठित किये जाने के बारे में सलाहकार ग्रुप की बैठक हुई ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (एन.सी.बी.)राज्य के सीमावर्ती इलाकों की निशानदेही के लिए तैनात आठ टीमों को पूरा सहयोग देने के अलावा क्षेत्र में नशों के विरुद्ध लड़ाई में पूरा तालमेल किया जायेगा।
बैठक में एन.सी.बी के उप महानिरीक्षक एस.के झा ने बताया कि उनके सहित पच्चीस अधिकारी पंजाब में तैनात किये गए हैं जो जम्मू-कश्मीर और गुजरात जैसे दूसरे राज्यों के साथ तालमेल को और मज़बूत बनाऐंगे । उन्होंने नशा तस्करी को रोकने के लिए पैसों के लेन-देन की छानबीन करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने नशों की समस्या के ख़ात्मे के लिए राज्य सरकार द्वारा रोकथाम और पुनर्वास के लिए उठाये गये कदमों की सराहना की।
पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय नशा नीति की माँग को लेकर प्रधानमंत्री को लिखे गये पत्र का केंद्र सरकार की आेर से सकारात्मक जवाब आया है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले में तालमेल बढ़ाने के लिए अधिकारियों को आदेश भी दिए हैं।
श्री गुप्ता ने कहा कि नारकोटिक ब्यूरो ने देश के अन्य राज्यों से लगभग चौबीस अधिकारी बुला कर पंजाब में तैनात कर दिए हैं जिससे सरहदी राज्य में नशा विरोधी जंग सख्ती से लड़ी जा सके। उन्होंने कहा कि पंजाब पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक की मेज़बानी करेगा जिससे इन राज्यों के बीच नशे के खिलाफ कारगर ढंग से लड़ा जा सके ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साजिशें रचने में शामिल पुलिस तथा सरकारी अधिकारियों के साथ सख्ती से निपटने की सरकार की वचनबद्धता दोहरायी । उन्होंने नशा तस्करों के साथ पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत की शिकायतों का नोटिस लेते हुये कहा कि जो अधिकारी या पुलिसकर्मी नशे के गोरखधंधे में शामिल पाया गया उसे बर्खास्त होने या जबरन रिटायर होने से कोई नहीं बचा सकता ।
कैप्टन सिंह ने नशा तस्करों तथा बड़ी मछलियों के विरुद्ध नकेल कसने के लिए एन.सी.बी., बी.एस.एफ. और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ तालमेल बढ़ाने और मिलकर कार्रवाई किये जाने की ज़रूरत पर बल दिया। उन्होंने पी.आई.टी., एन.डी.पी.एस. एक्ट की उप-धारा 3 के अंतर्गत बड़े नशा तस्करों की हिरासत का प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए और इसके साथ ही 181 पुलिस हेल्पलाइन नंबर को सक्रिय बनाने के लिए भी कहा जिससे आम लोग नशों संबंधी सूचना दे सकें ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार नशे के धंधों में लगे अपराधियों की सूचना देने वालों को इनाम देने की स्कीम को अंतिम रूप दे रही है ।अच्छी कारगुज़ारी वाले अधिकारियों के साथ-साथ नागरिकों को भी इस स्कीम के अंतर्गत उपयुक्त इनाम दिया जायेगा।
शर्मा
वार्ता
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