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इंडिया टेक्नोमैक घोटाला: अदालत ने चल-अचल सम्पतियों की नीलामी की मंजूरी दी

शिमला, 08 अगस्त (वार्ता) हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य के अब तक के सबसे बड़े छह हजार करोड़ रूपये का घोटाला करने वाली कम्पनी इंडिया टेक्नोमेक की चल-अचल सम्पतियां नीलाम करने के लिए मंजूरी प्रदान कर दी है।
आबकारी एवं कराधान विभाग के सिरमौर में तैनात उपायुक्त जी. डी. ठाकुर ने कम्पनी की सम्पत्तयों को लेकर बिक्री नोटिस आज न्यायालय में जमा कराया जिसे अदालत ने रिकार्ड पर लेकर मंजूरी प्रदान कर दी। यह मंजूरी न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तिरलोक सिंह चैहान ने मामले की बीरवार को सुनवाई करने के दौरान दी। इससे पहले न्यायालय ने अपने गत दो अगस्त के आदेश में इन सम्पत्तियों की नीलामी में गैर हिमाचली, गैर कृषकों को भी शामिल होने की इजाजत दी थी। कंपनी की पांवटा के माजरा में करीब 265 बीघा जमीन है। इसमें फैक्टरी क्षेत्र और इमारतें 99 बीघा में हैं। कम्पनी की चार दीवारी में कुल क्षेत्र 189 बीघा है जबकि फैक्टरी की परिधि के बाहर 76 बीघा जमीन है। सड़कें और नालियां 37 बीघा में फैली हैं। फैक्टरी परिसर में 51 बीघा जमीन खाली पड़ी हुई है। जिसकी कीमत 303.91 करोड़ रुपए है।
न्यायालय ने नीलामी से मिलने वाली राशि उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री में जमा कराने के निर्देश दिए है। यह कम्पनी सिरमौर जिले के नाहन में मिश्र धातुओं का निर्माण करती थी लेकिन 21 सितम्बर 2015 को बंद हो गई थी। बाद में पता चला कि इस कम्पनी ने कर चोरी के अलावा बिजली बिलों की अदायगी में फर्जीवाड़ा किया है। इसके अलावा आयकर
रिटर्न और अन्य फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कम्पनी ने 16 बैंकों से कर्ज लिए थे। लगभग छह हजार करोड़ रुपए का घोटाला कर कम्पनी के कर्ताधर्ता विदेश फरार हो गये। राज्य सतर्कता ब्यूरो ने इस मामले में रेड कार्नर नोटिस जारी करने के अलावा इस सिलसिले में कुछ लोगों को गिरफतार भी किया है।
सं.रमेश2010वार्ता
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