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हिमाचल में हिमपात से पांच एनएच सहित 507 सड़कें बंद, 2563 ट्रांसफार्मर ठप

शिमला, 03 मार्च (वार्ता) हिमाचल प्रदेश के जनजातीय व पहाड़ी इलाकों में भारी हिमपात से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। वहीं, मैदानी इलाकों में अंधड़ व आसमानी बिजली के साथ तेज बारिश से संपति को नुकसान पहुंचा है। राज्य में यातायात, बिजली और पेजयल जैसी मूलभूत सेवाएं ठप पड़ गई हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार पूरे प्रदेश में बर्फबारी से पांच राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 507 सड़कें बंद हो गई हैं। इसके अलावा 2563 ट्रांसफार्मरों के खराब होने से कई क्षेत्रों में बिजली गुल है। विभिन्न इलाकों में पेयजल की 72 योजनायें भी ठप हैं।
बारिश व हिमपात से प्रदेश में तीन मकान ढह गए। लाहौल-स्पीति, सिरमौर और सोलन जिलों में एक-एक मकान धराशायी हुए हैं। हालांकि इस दौरान किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ। लाहौल-स्पीति जिला के शकास नाले के समीप भारी बर्फबारी के चलते एक बड़ा हिमखंड का हिस्सा गिरा है। इससे नेशनल हाईवे-3 पूरी तरह बाधित हो गया है। इस नेशनल हाईवे पर वाहनों की आवाजाही पुरी तरह से ठप हो गई हैं। जिला प्रशासन की टीमें हिमखंड को हाईवे से हटाने का प्रयास कर रही हैं, ताकि जल्द राजमार्ग को बहाल किया जा सके।
गनीमत यह रही कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोई वाहन हिमखंड की चपेट में नहीं आया, अन्यथा बड़ा हादसा पेश आ सकता था। लाहौल-स्पीति में हिमपात का दौर अभी भी जारी है और जिले के उंचे इलाकों में चार से पांच फीट हिमपात तो निचले इलाकों में दो से तीन फीट बर्फबारी दर्ज की गई है। जिला में ज्यादातर सड़कों के अवरूद्व होने से जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
लाहौल-स्पीति जिला के उदयपुर उपमंडल के सलपत गांव में भारी बर्फबारी से एक मकान ढह गया। इसी तरह सोलन जिला के अर्की उपमंडल में बखालग में तेज बारिश व अंधड़ ने मकान को जमींदोज कर दिया। सिरमौर जिला के नौहराधार सब तहसील के बोघाधार में आकाशीय बिजली गिरने से मकान क्षतिग्रस्त हुआ है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने रविवार सुबह जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लाहौल-स्पीति में सबसे ज्यादा 290 सड़कें बर्फबारी से बंद हैं। किन्नौर में 75, चंबा में 72, शिमला में 35, कुल्लू में 18 और मंडी में 16 सड़कें अवरूद्व हुई हैं। इसके अलावा कुल्लू और लाहौल-स्पीति में दो-दो व सिरमौर में एक नेशनल हाईवे भी ठप है। अंधड़, बारिश और बर्फबारी से चंबा जिला में 447 ट्रांसफार्मर खराब पड़ गए हैं। इससे चंबा, डल्हौजी, तीसा, पांगी और भरमौर के इलाकों में ब्लैकआउट है। सिरमौर जिला में अंधड़ चलते से 471 ट्रांसफार्मर बंद हो गए हैं। पांवटा साहिब उपमंडल में 261 और नाहन उपमंडल में 210 ट्रांसफार्मरों के बंद पड़ने से बिजली आपूर्ति बाधित है। किन्नौर जिला में 404 ट्रांसफार्मर ठप हैं। जिला के कल्पा उपमंडल में 192, निचार में 115 और पूह में 97 ट्रांसफार्मरों के खराब होने से बिजली गुल है। लाहौल-स्पीति जिला में 314 ट्रांसफार्मर बंद हैं। इनमें स्पीति मंडल में 124, लाहौल में 111 और उदपयुर में 79 ट्रांसफार्मर शामिल हैं। मंडी जिला में 292, शिमला जिला में 284, कुल्लू में 170 और उना में 147 ट्रांसफार्मर खराब हैं। शिमला जिला में पानी की 69 स्कीमें ओर लाहौल-स्पीति में 3 स्कीमें ठप हैं।
आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक हिमाचल के 12 में से सात जिलों में बर्फबारी हुई है। चंबा जिला के पांगी में 12 इंच व भरमौर में एक इंच, कांगड़ा जिला के बीड़ बिलिंग व मुल्थन में दो-दो इंच, किन्नौर जिला के छितकुल चार फीट, सांगला, मोरंग व कल्पा में दो-दो फीट, कुल्लू जिला के रोहतांग टॉप में पांच फीट, गुलाबा व अटल टनल में चार-चार फीट, लाहौल-स्पीति के काजा में दो फीट, उदयपुर व झालमा में 12-12 इंच, दारचा व केलांग में 11-11 इंच, मंडी जिला के शिकारी माता में दो इंच, पराशर लेक और कमरू नाग में एक-एक इंच, शिमला जिला के चांशल में 12 इंच, नारकंडा में छह इंच, खिड़की में सात इंच, नारकंडा में छह इंच बर्फबारी रिकार्ड हुई है।
राज्य में हो रही बारिश और हिमपात से पूरे प्रदेश में ठिठुरन बढ़ गई है। बीते 24 घंटों के दौरान राज्य के औसतन न्यूनतम तापमान में 1.6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। पांच शहरों का पारा माइनस में दर्ज किया गया। लाहौल-स्पीति जिला का मुख्यालय केलांग -4.5 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ सबसे ठंडा स्थल रहा। रिकांगपिओ, कुकुमसेरी व नारकंडा में न्यूनतम तापमान -1.2 डिग्री और भरमौर में -0.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा शिमला में 4 डिग्री, सुंदरनगर में 8.6 डिग्री, भुंतर में 5.8 डिग्री, धर्मशाला में 8.6 डिग्री, उना में 10.5 डिग्री, नाहन में 7.1 डिग्री, पालमपुर में 6.7 डिग्री, सोलन में 8 डिग्री, मनाली में 1.9 डिग्री, कांगड़ा में 9.7 डिग्री, मंडी में 7.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक आगामी सात मार्च तक राज्य में मौसम खराब रहेगा। इस दौरान उच्च पर्वतीय इलाकों में हिमपात और अन्य हिस्सों में बारिश होने का अनुमान है। हालांकि अगले चार दिन राज्य में बारिश व हिमपात को लेकर अलर्ट नहीं रहेगा। मौसम विभाग का कहना है कि आगामी दिनों में राज्य में बारिश व हिमपात में कमी आएगी। आठ मार्च से मौसम के पूरी तरह साफ होने का अनुमान है।
सं.संजय
वार्ता
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