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‘डैमेज कंट्रोल’ के लिए प्रतिभा से मिलने हॉलीलॉज गए मुकेश

शिमला, 03 मार्च (वार्ता) हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सरकार व पार्टी में ‘डैमेज कंट्रोल’ करने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह से मिलने उनके निवास हॉलीलॉज गए। दरअसल, श्रीमती प्रतिभा सिंह भी लगातार ऐसे बयान दे रही हैं, जो सरकार की मुश्किलें बढ़ाते रहे हैं और विपक्ष का हथियार बन रहे हैं।
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से नाराजगी जाहिर कर चुके लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह की नयी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेताओं से मिलने की चर्चा है।
गौरतलब है कि लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह व प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुधीर शर्मा को राम लला प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए अयोध्या में आमंत्रित किया गया था। प्रदेश से आमंत्रित इन दाेनों नेताओं ने इस समारोह में बकायदा भाग लिया।
बहरहाल, श्री विक्रमादित्य सिंह के अगले रुख पर भी सबकी नजरें टिकी हैं। शनिवार को कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद सुक्खू सरकार के दो भरोसेमंद मंत्री जगत सिंह नेगी और यादविंद्र गोमा चंडीगढ़ रवाना हो गए। वे वहां क्यों गए हैं, इसका अभी खुलासा नहीं हुआ है। श्री सुक्खू के नजदीकी मंत्री हर्षवर्धन चौहान पहले से ही चंडीगढ़ में हैं। इससे भी सियासी हलचल है।
सूत्रों के अनुसार राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री की मंत्रियों से अलग से बैठक हुई है, उसके बाद ही दोनों मंत्री चंडीगढ़ गए हैं। वीरभद्र गुट के दो विधायकों नंदलाल और मोहन लाल ब्राक्टा की सुक्खू सरकार ने सुरक्षा और कड़ी कर दी है। उन्हें फोर प्लस सिक्योरिटी दी गई है, जिसमें एक हवलदार और चार सिपाही रहेंगे। नंदलाल सातवें वित्तायोग के अध्यक्ष और मोहन लाल बरागटा मुख्य संसदीय सचिव हैं। सरकार गिराने के पहले प्रयास में असफल रही भाजपा की किसी भी अगली चाल से बचने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। सुरक्षा बढ़ाने के लिए इन दोनों ही विधायकों ने सहमति दी है।
डैमेज कंट्रोल के लिए अभी सुक्खू सरकार और भी ताजपोशियां करने की तैयारी में है। एक दर्जन निगमों-बोर्डों और स्वायत्त संस्थानों में कई अध्यक्षों और उपाध्यक्षों की नियुक्तियां की जानी हैं। इसके लिए असंतुष्टों और ओहदों के ख्वाहिशमंदों की एक सूची बनाई जा रही है। इस सूची में चार विधायकों के नाम शामिल हैं। यह कांगड़ा, हमीरपुर और मंडी तीनों ही संसदीय क्षेत्रों से हैं।
श्री सुक्खू ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 80 फीसदी विधायक एक साथ हैं। बाकी 20 प्रतिशत में छोटे-छोटे मामलों को लेकर ही कुछ असंतोष है। यह मेरी जिम्मेवारी है कि चीजें स्पष्ट हों। इसके लिए वह सबके साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। भाजपा का हौसला क्रॉस वोटिंग से बढ़ा है, मगर यह स्थिति दोबारा बनने वाली नहीं है। बागियों को पछतावा है और वे मुझसे (श्री सुक्खू से) संपर्क कर रहे हैं।
सं.संजय
वार्ता
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