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हिमाचल में मतदान से पहले चार बार जांची जाएंगी ईवीएम

शिमला, 23 मार्च (वार्ता) हिमाचल प्रदेश में चुनावों में इस्तेमाल से पहले ईवीएम और वीवीपैट को मतदान से पहले चार बार जांचा परखा जाएगा। मशीनों की पहले चरण की जांच हो चुकी है। अभी तीन चरणों की जांच बाकी है।
ईवीएम के आवंटन में किसी प्रकार के भेदभाव का आरोप न लगे, इसके लिए कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मदद से यह तय होगा कि किस पोलिंग बूथ को कौन सी ईवीएम मिलेगी। मतदान से पहले स्ट्रांग रूम में ईवीएम पुलिस सुरक्षा में रहेंगी और मतदान के बाद स्ट्रांग रूम के बाहर तीन स्तर का सुरक्षा घेरा रहेगा, जिसमें केंद्रीय बल भी तैनात रहेंगे। चुनाव के दौरान प्रदेश के 3,995 मतदान केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इन मतदान केंद्रों की सभी गतिविधियां कैमरों की नजर में होंगी।
हिमाचल में एक जून को होने वाले लोकसभा व विधानसभा की छह सीटों के उपचुनाव के लिए बेंगलुरु से अतिरिक्त 3,200 इलेट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) लाई गई हैं। विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल हुई करीब 8,000 मशीनें राज्य निर्वाचन विभाग के पास पहले से मौजूद हैं। बंगलूरू स्थित निर्माता कंपनी से 3,200 ईवीएम और लाई गई हैं। मतदान से पहले प्रदेश में तैयार 12 स्ट्रांग रूम में 11,200 ईवीएम सुरक्षित पहुंचा दी गई हैं। मतदान के दौरान इनमें खराबी या किसी अन्य कारण से मतदान प्रक्रिया प्रभावित न हो, इसके लिए करीब 2,400 बीयू (बैलेट यूनिट), सीयू (कंट्रोल यूनिट) और वीवीपैट रिजर्व में रखी जाएंगी।
बूथ पर वोटिंग शुरू होने से पहले प्रत्याशी के एजेंट के सामने मॉक पोल होगा। वोट और वीवीपैट की पर्ची को आपस में मिलाया जाएगा। सही पाए जाने पर ईवीएम से मॉक पोल को सबके सामने डिलीट कर दिया जाएगा। सभी तरह की जांच के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे।
सं.संजय
वार्ता
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