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एक लाख का आंकड़ा नहीं छुने वाले सांसदों पर इस बार भरोसा कम

जयपुर 03 अप्रैल (वार्ता ) राजस्थान में पिछले लोकसभा चुनाव में जीत का एक लाख आंकड़ा नहीं छुने वाले करोली धौलपुर से सांसद मनोज राजौरिया तथा बांसवाड़ा से मानशंकर निनामा को भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) ने इस बार बाहर का रास्ता दिखा दिया तथा नागौर से सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री सी आर चौधरी तथा बाड़मेर से सांसद कर्नल सोनाराम के नाम पर तलवार लटकी हुई है।
पिछले चुनाव में मोदी लहर में पच्चीस में से पांच सीटें ही ऐसी थी जहां भाजपा उम्मीदवार चुनाव तो जीत गये लेकिन जीत के एक लाख के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाये। इनमें दौसा से सांसद हरिशचन्द्र मीणा ने विधानसभा चुनाव से पहले पाला बदल लिया तथा विधायक बन गये। भाजपा को दौसा सीट पर भी उम्मीदवार तय करने में जोर आ रहा है। श्री मीणा ने 45 हजार मतों से जीत हासिल की थी। श्री राजौरिया 27 हजार मतों के अंतर से ही जीत पाये।
नागौर में केन्द्रीय मंत्री सी आर चौधरी ने पिछला चुनाव 75 हजार मतों के अंतर से जीता था जिन्हें दुबारा उतारने को लेकर पार्टी पशोपेश में है। कांग्रेस ने यहां से पिछली बार दूसरे स्थान पर रहने वाली ज्योति मिर्घा को चुनाव मैदान में उतारा है।
बाड़मेर में भी भाजपा के कर्नल सोनाराम पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंतसिंह से 87 हजार मतों से चुनाव जीत पाये थे तथा इस बार बदलते समीकरणों के कारण उनकी उम्मीदवारी पर संशय बना हुआ है। कांग्रेस ने यहां से जसवंतसिह के पुत्र मानवेन्द्रसिंह को मैदान में उतारा है। कर्नल सोनाराम ने पिछले विधानसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाई थी लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।
बांसवाड़ा से पिछली बार 91 हजार मतों से चुनाव जीतने वाले मानशंकर निनामा की जगह भाजपा ने कनकमल कटारा को उम्मीदवार बनाया है। श्री कटारा का मुकाबला कांग्रेस के ताराचंद भगोरा से होगा।
पारीक रामसिंह
वार्ता
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