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राजनीतिक विद्वैष से लगाये गये हैं अनियमितता के आरोप

चित्तौड़गढ़, 06 जून 2019 (वार्ता) राजस्थान में चित्तौड़गढ़ नगर परिषद के उपसभापति एवं उनके भाई को परिषद कोष से कथित रुप से लाखों रुपये के भुगतान के मामले में आरोपी बनाये गये सभापति सुशील शर्मा ने अनियमितता से इन्कार करते हुए पूरे मामले को राजनीतिक द्वेषता करार दिया है।
सभापति शर्मा ने आज पत्रकारों को इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेजों की प्रतियां देते हुए कहा कि राज्य में सरकार बदलने के साथ विपक्ष के नेता ने उप सभापति भरत जागेटिया एवं उनके भाई अशोक को राजकीय भूमि पर अतिक्रमण को प्रशासन शहरों के संग अभियान में नियमित करने के बदले में परिषद द्वारा अधिक दर पर वसूली गई राशि को वर्ष 2017 में लौटाने के मामले को विपक्ष ने इसे अनियमितता मानकर शिकायत कर दी, जिसकी जांच उप निदेशक, उदयपुर ने की और उनसे जवाब मांगा जिसका उन्होंने इन दस्तावेजों के साथ जवाब प्रेषित कर दिया है।
मामल के अनुसार वर्ष 2002 में चले अभियान में 1991 से पूर्व के अतिक्रमित भूखंड को नियमित किये जाने के तहत जागेटिया एवं उनके भाई ने भी पत्रावली पेश की, लेकिन बाद में रोक लग जाने से राशि जमा नहीं हो सकी जबकि पत्रावली निस्तारित कर दी गई। फिर 2012 में चले अभियान में भूखंड नियमन की दर 750 रुपये प्रति वर्ग गज की दर से राशि जमा करवा दी गई, लेकिन इसी अभियान में राज्य सरकार ने एक परिपत्र जारी करके पत्रावलियों का निस्तारण 2002 के अभियान में तय नियमन की दर 240 रुपए प्रति वर्ग गज से ही लेने के आदेश जारी कर दिये। इसी आदेश के आधार पर जागेटिया एवं उनके भाई ने वर्ष 2017 में अंतर राशि लौटाने का आग्रह किया जिसे स्वीकार करते हुए परिषद ने कुल 16 लाख 71 हजार 240 रुपए की राशि लौटा दी। इसे ही विपक्ष ने अनियमितता मानकर शिकायत की है।
व्यास सुनील
वार्ता
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