राज्य » राजस्थानPosted at: Jun 26 2019 6:17PM परंपरागत शिल्पकला को आगे बढाने की सशक्त माध्यम बनी शिल्पशालाजयपुर 26 जून (वार्ता) राजस्थान के जयपुर में उद्योग विभाग की ओर से पहली बार आयोजित की गई पांच दिवसीय शिल्पशाला में परंपरागत शिल्प कला में चाक पर मिट्टी को तरह तरह के आकार देते बच्चों और युवाओं में अलग ही तरह का उत्साह है। उद्योग विभाग के आयुक्त ड़ा.कृष्णकांत पाठक ने बताया कि शिल्पशाला में जयपुरवासियों में परंपरागत शिल्प कला कला को सीखने की इस कदर ललक देखने को मिल रही है कि सिखाने वाले शिल्पगुरू स्वयं हतप्रभ एवं उत्साहित दिख रहे हैं। उन्होंने बताया कि अवार्डी शिल्प गुरुओं का आगे आकर प्रतिभागिता निभाना गुरु शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाने का सशक्त उदाहरण है। भारतीय शिल्प संस्थान में आयोजित शिल्पशाला में 155 प्रतिभागी पूरे मनोयोग से परंपरागत शिल्पकला को सीखा रहे हैं। शिल्पशाला में सर्वाधिक उत्साह हैण्ड ब्लॉक प्रिटिंग में देखा जा रहा है। हैण्ड ब्लॉक प्रिंटिंग में नेशनल अवार्डी अवधेश पाण्डेय से कपड़े के चयन, रंग संयोजन से लेकर प्रिंट तक के गुर युवतियों के साथ ही उम्रदराज महिलाओ द्वारा पूरे उत्साह से सीखा जा रहा है। इसी प्रकार कुंदन मीनाकारी के नेशनल अवार्डी सरदार इन्दर सिंह कुदरत बच्चों को धातुओं पर उकेरने के गुर बताते तो परंपरागत मेंहदी की डिजाइन सीखने का भी जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। रामसिंहवार्ता