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पेयजल के लिए आठ हजार 445 करोड रूपयों का प्रावधान

जयपुर 10 जुलाई (वार्ता) राजस्थान में पेयजल सुविधा प्रदान करने के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के लिए आठ हजार 445 करोड रूपयों का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज विधानसभा में परिवर्तित बजट 2019-20 प्रस्तुत करते हुये कहा कि राज्य के फ्लोराईड प्रभावित एक हजार 250 नये गांव ढाणियों में चरणबद्ध रूप से सौर ऊर्जा चलित डिफ्लोरीडेशन यूनिट लगाकर समस्या का निराकरण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में पेयजल की सुविधा प्रदान करने के लिए आवश्यकतानुसार चरणबद्ध तरीके से सौर ऊर्जा चलित टेंक सहित ट्यूबवेल स्वीकृत किये जायेंगे जिन पर दो सौ करोड़ रुपए का व्यय होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में चार हजार या इससे अधिक जनसंख्या वाले 390 वंचित गांवों को पीने के पानी के लिए पाईप लाईन से जोड़ा जायेगा। इस वर्ष डीपीआर तैयार कर 25 योजनाओं में कार्य कराया जायेगा। योजना की कुल लागत 950 करोड़ होगी।
श्री गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने वर्ष 2013-14 के बजट में बाड़मेर जिले की चौहटन तहसील के 322 गांवों, गुढामलानी तथा शिव तहसीलों के 345 गांवों को नर्मदा नहर से लाभान्वित करने के लिए 490 करोड़ रुपए की लागत से परियोजना की घोषणा की थी जिसमें से शिव एवं रामसर तहसील के 205 गावों की पेयाजल योजना पर ही काम शुरू हो पाया शेष योजनाओं को पूर्ववर्ती सरकार ने निरस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि अब हम इस कार्य को पुन: हाथ मे लेते हुये आगामी वर्षो में दो हजार 918 करोड की लागत से पांच परियोजनायें प्रारंभ करेंगे जिससे दो शहर उदयपुरवाटी एवं सूरजगढ़ ( झुंझुनू), 921 गांव एवं 573 ढाणियां लाभान्वित होंगी।
उन्होंने जोधपुर, बाडमेर तथा पाली जिलों को राजीव गांधी लिफ्ट केनाल के तृतीय चरण से पांच कस्बों एवं तीनों जिलों के दो हजार 104 गांवों की 75 लाख आबादी के लिए पेयजल की मांग की पूर्ति के लिए नवीन परियोजना की घोषणा करते हुये कहा कि एडीबी से वित्त पोषित इस परियोजना की कुल लागत एक हजार 454 करोड रूपये होगी।
उन्होंने कहा कि अलवर, भरतपुर, धौलपुर तथा सवाईमाधोपुर जिलों में पेयजल आपूर्ति के लिए आगामी वर्षो में जो परियोजनाये प्राथमिकता से पूरी की जायेगी उसमें चम्बल-अलवर पेयजल परियोजना है। इस परियोजना से अलवर, भरतपुर तथा धौलपुर जिलों के 14 कस्बों एवं तीन हजार 72 गांवों में चंबल नदी से चार हजार 718 करोड की लागत से पेयजल आपूर्ति की जायेगी। इसके अलावा दौसा तथा सवाईमाधोपुर जिलो के पांच कस्बों एवं 124 गांवों को ईसरदा बांध द्वारा तीन हजार 159 करोड़ की लागत से पेयजल आपूर्ति होगी।
उन्होंने कहा कि नागौर लिफ्ट पेयलन परियोजना के प्रथम चरण से वंचित रही पंचायत समिति लाडनूं, कुचामन, डेगाना, जायल, मेडता, रिया, खींवचर, मूंडवा तथा गागौर की कुल एक हजार 926 ढाणियों में रहने वाली तीन लाख 15 हजार की आबादी को लाभान्वित करने के लिये परियोजना स्वीकृत की जायेगी। उन्होंने कहा कि नागौर जिले के मेड़ता शहर, डेगाना एवं लाडनूं में पेयजल वितरण के पुर्नगठन के लिए 45 करोड़ रुपए की लागत से परियोजना प्रारंभ कर एक लाख की आबादी को लाभान्वित किया जायेगा।
श्री गहलोत ने कहा कि बीकानेर शहर में पेयजल संग्रहण की क्षमता के मद्देनजर शहर एवं आस पास के 32 गांवों की पेयजल व्यवस्था के सुदृढतीकरण के लिए नई परियोजना तैयार कर 11 लाख 40 हजार की आबादी को लाभान्वित किया जायेगा। चंबल भीलवाडा के आरौली से जोड़कर हिण्डौली सहित शेष रहे क्षेत्र को पेयजल पहुंचाने के लिए 650 करोड़ रुपए की लागत की परियोजना की डीपीआर बनाई जायेगी।
रामसिंह जोरा
वार्ता
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