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शिकारियों की जमानत वन विभाग की मिलीभगत-जाजू

भीलवाड़ा 03 नवंबर (वार्ता) पर्यावरण एवं वन्य जीव संरक्षण संस्था पीपुल फॉर एनीमल्स (पीएफए) के प्रदेश प्रभारी एवं वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के पूर्व विशेषाधिकारी बाबूलाल जाजू ने कोटा स्थित मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान में घुसे चार शिकारियों की जमानत पर वन विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत एवं लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
श्री जाजू ने शिकारियों की जमानत होने पर अपनी प्रतिक्रिया में आज यहां कहा कि टाइगर रिजर्व में हथियार लेकर जाना अपराध की श्रेणी में आता है। किसी भी वन्यजीव का पीछा करना भी शिकार की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि शिकारियों की जमानत हो जाना, यह वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की न्यायालय में कमजोर पैरवी एवं मिलीभगत को दर्शाता है।
उन्होंने बताया कि पिछले दिनों बूंदी के रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य में हुए सांभर के शिकार के बावजूद रणथम्भौर से बाघों को छोड़ने की तैयारी चल रही है। ऐसे में राज्य सरकार को मुकुंदरा टाइगर रिजर्व एवं रामगढ़ विषधारी में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने के पश्चात ही बाघों को छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक समय सरिस्का में अधिकारियों की लापरवाही से सभी बाघ शिकारियों की भेंट चढ़ जाने से सरिस्का बाघ विहीन हो गया था। इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
वन्य जीव अधिवक्ता महेंद्र सिंह कच्छावा ने बताया कि राष्ट्रीय पार्क में हथियार लेकर घुसने पर वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम 1972 की धारा दो एवं नौ तथा 51 में तीन से सात वर्ष की सजा का प्रावधान है।
जोरा
वार्ता
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