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झुंझुनू जिले के 685 सरपंच दावेदार मुश्किल में

झुंझुनूं, 15 जनवरी (वार्ता) राजस्थान में पंचायतीराज संस्थाओं के पुर्नगठन को लेकर पहले उच्च न्यायालय का फैसला और बाद में उच्चतम न्यायालय द्वारा उस पर रोक लगाने के फैसले से झुंझुनू के 685 सरपंच उम्मीदवार परेशानी में पड़ गये हैं।
झुंझुनू जिले में झुंझुनू, सूरजगढ़ और सिंघाना की 99 ग्राम पंचायतों के चुनाव पहले चरण में थे। इन पंचायतों में सरपंच बनने का ख्वाब देख रहे 685 दावेदारों ने नामांकन भी दाखिल कर दिए, लेकिन अभी वे चुनाव प्रचार बंद करें या चालू रखें इस दुविधा में पड़कर वह आगे की रणनीति तय नहीं कर पा रहे हैं। पंचायतीराज संस्थाओं के पुर्नगठन को लेकर न्यायालय में विचाराधीन मामलों में सर्वाधिक प्रभावित यदि कोई हुआ है तो वो है झुंझुनू जिला।
झुंझुनू और नागौर जिले में उप चुनाव को लेकर पुर्नगठन का काम देरी से हुआ और यहां पर सरकार ने तीन नई पंचायत समितियां बनाई,लेकिन यहां पहले चरण के नामांकन तो दाखिल करवा लिए गए। इसके बाद जब प्रत्याशियों की घोषणा करनी थी तो उस पर रोक लगा दी। साथ ही जो पंच निर्विरोध चुने जाने थे, उन पर भी रोक लगा दी गई। अब चुनाव कार्य में लगे अधिकारियों का कहना है कि जब तक उच्चतम न्यायालय का फैसला नहीं आता, तब तक कोई भी काम आगे नहीं बढ़ाया जाए। ऐसा आदेश निर्वाचन आयोग ने दिया है, लेकिन अब अगली तारीख ही फरवरी के अंत में है। तो चुनाव अप्रैल, मई या जून तक होने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
एक ओर चुनाव को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। वहीं आचार संहिता के साथ-साथ पहले चरण के नामांकन तक दाखिल हो गए हैं। बावजूद इसके निर्वाचन आयोग द्वारा स्थिति स्पष्ट नहीं होने से सरपंच पद के उम्मीदवारों के खर्चे बदस्तूर जारी हैं। नियमों की बात करें तो नामांकन दाखिल करने के बाद से सरपंच उम्मीदवार चुनावों में अधिकतम 50 हजार रुपए ही खर्च कर सकेंगे, लेकिन सरपंच उम्मीदवारों के सामने समस्या यह है कि वे यदि अपने चुनावी खर्चे बंद करते हैं तो मतदाताओं के सामने उनकी छवि मैदान छोड़ने की बन जाएगी, जो वे कतई चाहते नहीं। वहीं निर्वाचन आयोग इस मामले में कोई स्पष्ट स्थिति कर नहीं रहा।
उधर, सरपंच उम्मीदवार और उनके समर्थकों ने भी चुनावों को लेकर बनीं असमंजस की स्थिति पर चिंता जाहिर की है। इस्लामपुर की सरपंच प्रत्याशी ताज बानो के पति आमिन मणियार ने बताया कि उम्मीदवारों के सामने दुविधा पैदा हो गई है। मई-जून में चुनावों की चर्चा हो रही हैं। एक ओर तो उन्होंने अपने नामांकन दाखिल कर प्रचार शुरू कर दिया है और कार्यालय में चाय-पानी की व्यवस्था शुरू कर दी है, लेकिन यदि मई-जून तक चुनाव होंगे तो उनका व्यय काफी बढ़ जायेगा। उनका कहना है कि आए दिन सोशल मीडिया में अफवाहें आती है।
दूसरी ओर अधिकारी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हैं। जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। वहीं नयासर के सरपंच प्रत्याशी अब्दुल सत्तार का कहना है कि उन्होंने कार्यालय चालू कर दिया है, लेकिन वह कोशिश करेंगे कि अपने मतदाताओं को भटकने न दें। इसके लिए समय पर चुनाव होना जरूरी है।
झुंझुनू के पहले चरण में दाखिल हुए नामांकनों की बात करें तो झुंझुनू, सूरजगढ़ और सिंघाना की 99 ग्राम पंचायतों के लिए 685 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए है। वहीं एक हजार 119 ग्राम पंचायतों के वार्ड पंचों के लिए एक हजार 862 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए थे। इनमें से आधे से ज्यादा वार्ड पंचों का तो नौ जनवरी को निर्विरोध निर्वाचन होना था।, लेकिन न तो उनके निर्वाचन की घोषणा हो सकी और न ही वे जीत की खुशी मना सके।
सराफ सुनील
वार्ता
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