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खाद्य मंत्री द्वारा करायी गयी जांच में साबित हुआ कि नही मिला गरीबो को केरोसीन

खाद्य मंत्री द्वारा करायी गयी जांच में साबित हुआ कि नही मिला गरीबो को केरोसीन

बारां 02 जुलाई (वार्ता) राजस्थान के बारां जिले में करोसिन की अनियमितता संबंधी खाद्य मंत्री द्वारा करायी गयी जांच रिर्पोट में यह साबित हो गया कि उस दौरान यह केरोसीन ऐसे गरीब, जरूरतमंद उपभोक्ताओं को पहुंचा ही नही था।

जिला रसद विभाग ने मिलीभगत करके केरोसीन मुक्त बारां शहर एवं जिले के अटरू क्षेत्र में कोई ढाई दर्जन से अधिक उचित मूल्य दुकानों के डीलरो को 12 हजार लीटर केरोसीन आंवटित कर दिए जाने के मामले में राज्य केे खाद्य, आपूर्ति एवं जिला प्रभारी मंत्री रमेश मीणा द्वारा 23 जून को बारां प्रवास के दौरान मामले की जांच के आदेश दिए थे। आदेशो के बाद रसद विभाग के प्रर्वतन निरीक्षक ने 25 जून को 24 डीलरो की स्वंय जांच करके रिपोर्ट बना दी।

रोचक पहलू तो यह है कि इस गोलमाल एवं मिली भगत में कार्यवाहक जिला रसद अधिकारी हरलाल मीणा तथा प्रर्वतन निरीक्षक प्रमोद कुमार स्वंय कठघेरे में थे। खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने 23 जून को बारां प्रवास के दौरान जांच के निर्देश दिए थे और 25 जून को इन्हीं अधिकारियों ने एक दिन में जांच भी पूरी कर ली। जबकि यह केरोसीन बारां शहर समेत जिले के 40 किलोमीटर के डीलरो तक पहुंचाना सूचीबद्व किया है। जो इतनी जल्दी जांच हो जाना संभव नही था।

सूत्रो के अनुसार प्रर्वतन निरीक्षक प्रमोद कुमार की जांच रिर्पोट में बारां जिले के अटरू उपखण्ड की खेडलीगंज ग्राम पंचायत के उचित मूल्य दुकानदार के स्टाक में 140 लीटर केरोसीन कम पाया गया। उधर, जांच रिर्पोट में यह भी सामने आया है कि अधिकांश डीलरो ने कोविड-19 के चलते केरोसीन थोक विक्रेता ललित फयूल एजेंसी शाहाबाद द्वारा कथित रूप से आपूर्ति किए गए केरोसीन को जरूरतमंद गरीब, सहरियों को पहुंचाने के बजाया बांटा ही नही।

बताया जाता है कि जो केरोसीन पांच जून को उठाया था वह मई महिने का था, जिसे तुरत फुरत बांटना था। जो जून माह समाप्ति तक पूरा बटा नही और बिक गया।

शाह रामसिंह

वार्ता

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