Saturday, Apr 27 2024 | Time 09:41 Hrs(IST)
image
राज्य » राजस्थान


चना खरीद में किसानों का भुगतान अटका

चित्तौड़गढ़ 28 अगस्त (वार्ता) राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में किसानों के चना खरीद केंद्र फतहनगर स्थित मंडी में तौल समिति सुपरवाईजर के आत्महत्या के बाद सैंकड़ों किसानों का भुगतान अटक गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार तौल केन्द्र पर बरसात में चना भीग गया और अब किसानों अपना भीगा हुआ चना वापस लेने के लिए भी कहा जा रहा है। सुपरवाईजर की आत्महत्या की जांच शुरू हुई तो इसमें घोटाले की परतें भी खुलने लगी। जिले के आकोला, कपासन एवं राशमी क्षेत्र के किसानों की चना उपज के लिए राजफैड ने समीपवर्ती उदयपुर जिले के फतहनगर स्थित कृषि उपज मंडी प्रांगण को तौल केंद्र के रूप में स्थापित किया और तौल एवं भुगतान की जिम्मेदारी वहां की क्रय विक्रय संजीवनी सहकारी समिति लिमिटेड को सौंपी जिसके कार्मिकों ने मंडी हम्मालों के सहयोग से क्षेत्र के किसानों का ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन करते हुए तौल शुरू किया जो गत दो जून तक चला।
इस दौरान हजारों क्विंटल चना खरीद लिया गया लेकिन सर्वर नहीं चलने के कारण किसानों को तौल की ऑफलाईन पर्चिया समिति की ओर से दी गई और कहा गया कि सर्वर चलने पर इस ऑनलाईन कर भुगतान कर दिया जाएगा लेकिन एक सप्ताह तक भी किसानों का भुगतान नहीं हुआ तो उन्होंने इसकी जिला कलेक्टर एवं संभागीय आयुक्त से लेकर राजफैड को शिकायत की गई। इस बीच समिति के सुपरवाईजर पवनकुमार टेलर निवासी गंगापुर, जिला भीलवाड़ा ने मंडी प्रांगण में ही फंदा लगाकर संदेहास्पद परिस्थितियों में आत्महत्या कर लेने का मामला सामने आया।
सुपरवाईजर की आत्महत्या के बाद जांच में समिति के प्रबंधक कुलदीप सिंह एवं सुपरवाईजर ने क्षेत्रीय पटवारी एवं मंडी के हम्मालों से मिलकर ऐसे किसानों का भी ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन करवा दिया जिसके खेत पर चने की फसल नहीं हुई और ऐसे किसानों ने अन्य स्थानों से 38-40 रूपये किलो के भाव से चना खरीदकर इस समिति को सरकारी दर 49 रूपये किलो में बेच दिया। इस मामले में राजफैड ने तौल केंद्र की जांच के आदेश दिये है। तौल में गड़बड़ी सामने आने के बाद समिति प्रबंधक अब किसानों को उनका चना वापस लेने के लिए नोटिस दे रहे है जो गत दिनों आई बरसात से खराब भी हो गया है।
सुपरवाईजर की मौत के मामले की जांच कर रहे फतहनगर थाना प्रभारी भगवतीलाल ने बताया कि पुलिस अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है और सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है। गौरतलब है कि इस प्रकरण में चित्तौड़गढ़ जिले के किसानों का ही करीब पांच हजार क्विंटल चना भुगतान के अभाव में मंडी प्रांगण में पड़ा हुआ है। प्रभावित किसानों ने सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना से भी उन्हें न्याय दिलाने की गुहार की है। इस सारे प्रकरण से चित्तौड़गढ़ ही नहीं बल्कि उदयपुर जिले के भी सैंकड़ों किसान प्रभावित है जिन्हें अपनी उपज का पैसा नहीं मिल पाया है।
व्यास जोरा
वार्ता
image