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जैसलमेर में मानसूनी बादल झूमकर बरसे

जैसलमेर 04 सितम्बर (वार्ता) राजस्थान के रेगिस्तानी जिले जैसलमेर में इस बार मानसूनी बादल झूमकर बरसे है तथा कही कही तो ज्यादा बारिश से लोगो को परेशानी का सामना भी करना पड़ा है।
सूत्रों ने बताया कि जिले में इस वर्ष बारिश इतनी ज्यादा हो रही हैं कि ग्रामीणों को भारी नुकसान उठाना पड़ है तथा जिले में तीन सौ से ज्यादा छोटे बड़े खड़ीन टूट गए है। उनकी बोई हुई फसलें पानी में डूब गई है। रहवासी कच्चे झौपड़ें क्षतिग्रस्त होने लगे हैं इसी संदर्भ में गुरूवार देर सांय जैसलमेर जिले के कई भागों में शुरू हुई बरसात शुक्रवार देर शाम तक रूक रूककर चलती रही।
जैसलमेर शहर में रात भर बरसात चलने के बाद देर शाम एक घंटे तक मूसलाधार बरसात हुई। इसी तरह पोकरण में शुक्रवार शाम डेढ़ घंटे तक बरसात चलती रही। इस बार की वर्षा ने 2006 के बाद सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है। जैसलमेर जिला पूरा राजस्थान में औसत वर्षा के हिसाब से सबसे टॉप बना हुआ हैं। सुबह नौ बजे तक जैसलमेर के रेनगेज 249.33 एम.एम वर्षा हुई थी जो कि एवरेज 165 एम.एम. से 73 प्रतिशत ज्यादा हैं। अभी वर्षा का क्रम चल रहा हैं।
शुक्रवार शाम पांच बजे तक जैसलमेर तहसील के रेनगेज में 24 एम.एम, रामगढ़ में 35 एम.एम एवं पोकरण में 26 एम.एम. व नोख में 90 एम.एम. बरसात हो चुकी है। जैसलमेर के मेट्रोलॉजी डिपार्टमेन्ट ने पिछले 24 घंटों में 31.6 एम.एम बरसात रिकॉर्ड की है।
असल में जैसलमेर जिले में गुरूवार सांय एक बार फिर शुरू हुए वर्षा के दौर से पोकरण, रामगढ़, नोख, चांधण, लाठी, मोहनगढ़, धनुवा, सम, राजमथाई, ढेढ़ा, बीदा, सुल्ताना, रामदेवरा, देवीकोट आदि कई गांव ढांणियों में बारिश इतनी ज्यादा हो रही हैं कि ग्रामीणां की परेशानियां बढ़ गई है रेगिस्तानी जिले में कई बरसाती नदियां लगातार बह रही हैं।
जिले में 300 से ज्यादा खड़ीन टूट गए हैं जिनका पानी सैकड़ों खेतों में घुस गया है। इसके अलावा शुक्रवार सुबह तेज बरसात के बाद चांधण में गोगड़ी नदी का पानी रेल्वे क्वार्टर में घुस व अन्य कई गांव जिनमें सगरा, जेठा आदि शामिल है उनमें कई घरों में घुस गया। कई कच्चे मकान ध्वस्त होने की जानकारी मिली है। इसी तरह बडौड़ा गांव में भी गोगड़ी नदी का पानी आसपास के क्षेत्रों में भर गया। हालांकि किसी जनहानि की कोई सूचना नहीं हैं लेकिन लोगों की बोई हुई फसलों के खेत बरसाती पानी में डूबे हुए हैं इन खेतों में तीन से चार फीट भरा हुआ है।
भाटिया रामसिंह
वार्ता
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