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लोकतंत्र और संविधान की रक्षा में गांधीजी के सूत्र महत्वपूर्ण-गहलोत

जयपुर, 04 सितम्बर (वार्ता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों का उद्देश्य बड़ी संख्या में आम लोगों और संस्थाओं को इन आयोजनों से जोड़कर राष्ट्रपिता के सत्य, अहिंसा और शांति के संदेश को नई पीढ़ी तक पहुंचाना है।
श्री गहलोत आज यहां महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती कार्यक्रमों के विषय में कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज की परिस्थितियों में आमजन को लोकतंत्र की रक्षा और संविधान की रक्षा के लिए प्रोत्साहित करने में गांधीजी के सूत्र बहुत महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि हमें अधिक से अधिक लोगों, विचारकों, विशेषज्ञों और संस्थाओं को साथ लेकर महात्मा गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए केवल कुछ संगोष्ठी या कार्यक्रमों का आयोजन ही काफी नहीं होगा, इसलिए जयंती वर्ष के कार्यक्रमों को एक साल तक बढ़ाया गया है, ताकि ऎसे आयोजन लगातार चलते रहें। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए ऎसे कार्यक्रम वेबीनार के माध्यम से मासिक और पाक्षिक अन्तराल पर आयोजित किए जाते रहें और इनमें अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
श्री गहलोत ने कहा कि हमें संविधान की रक्षा के लिए महात्मा गांधी के सिद्धांतों के प्रचार-प्रसार कर माहौल बनाए रखना चाहिए। उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से महात्मा गांधी पर ग्लोबल कॉनक्लेव के आयोजन की तैयारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गांधीजी से जुड़े कार्यक्रमों में अधिक से अधिक एनजीओ की भागीदारी की जाए। साथ ही अहिंसा प्रकोष्ठ की गतिविधियां भी नियमित रूप से गांधीजी के सिद्धांतों के अनुरूप आयोजित की जाएं।
बैठक में कला संस्कृति मंत्री ड़ा. बी डी कल्ला ने बताया कि आगामी दो अक्टूबर को राज्य से लेकर जिला एवं ब्लॉक स्तर तक कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इन आयोजनों की थीम महात्मा गांधी का शांति एवं अहिंसा का संदेश होगा।
रामसिंह
वार्ता
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