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सुविवि द्वारा नौ राज्यों के 27 आदिवासी छात्रों को करवाई जाएगी निशुल्क पीएचडी

उदयपुर 24 नवम्बर (वार्ता) राजस्थान में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार तीन महीने तीसरी एकेडमिक कौंसिल की बैठक मंगलवार को आयोजित हुई जिसमें शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक विषयों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई एवम निर्णय लिए गए।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ कुंजन आचार्य ने बताया कि कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुलपति ने तीन महीने के उपलब्धिपूर्ण कामकाज के लिए कर्मचारियों एवम शिक्षकों के लिए धन्यवाद प्रस्ताव रखा जिसे ध्वनि मत से पारित किया गया। इस अवसर पर कुलपति ने विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय एवम अंतराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए स्थापित करने के पास किए जाएं इसके लिए सभी के सुझाव का स्वागत रहेगा एवं सभी मिलकर अपनी सकारात्मक ऊर्जा से विश्वविद्यालय को नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे।
उन्होंने बताया कि बैठक में गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा एवम ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आबूरोड के साथ अकादमिक आदान प्रदान के उद्देश्य से किये गए एमओयू को स्वीकृति प्रदान की गई। रेडीमेड गारमेंट एवं फैशन टेक्नोलॉजी विषय को अलग विभाग बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
फोरेंसिक साइंस जैसे महत्वपूर्ण विषय पर यूजी और पीजी लेवल पर पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। ट्राइबल म्यूजिक एंड डांस एवं माइनिंग एंड मिनरल एक्सप्लोरेशन ज्योतिष एवम वास्तु विषय पर पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम के साथ बीए एडिशनल इन म्यूजिक शुरु किए जाएंगे। इसके साथ एम्प्लॉयबिलिटी स्किलस, कम्युनिटी मेंटल हेल्थ, सॉफ्ट स्किल एन्हांसमेंट, डिप्लोमा केरियर कॉउंसिलिंग, चाइल्ड साइकोलॉजी, सर्टिफिकेट इन लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइंस, यूजी में फैशन टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन में नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
बैठक में निर्णय किया गया कि कोविड को देखते हुए परीक्षा एवम पाठ्यक्रम में कटौती की गई है। इसके तहत अब पांच में से केवल चार यूनिट पाठ्यक्रम ही पढ़ाया जाएगा एवम परीक्षा में भी यूनिट सिस्टम खत्म कर के अपनी पसंद के प्रश्न हल करने का ऑप्शन दिया जाएगा। इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना वेबसाइट पर जल्द अपलोड की जाएगी।
उन्होंने बताया कि आगामी 22 दिसंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह में दिए जाने वाले स्वर्ण पदक एवं पीएचडी डिग्रियों का अनुमोदन किया जाएगा। दीक्षांत समारोह में कुल 96 स्वर्ण पदक दिए जाएंगे साथ ही साल भर में पूरी हुई 33 पीएचडी की डिग्रियों का वितरण होगा।
देश के सीमावर्ती एवम हिमालयीन राज्यों के साथ सामाजिक एवं सांस्कृतिक रिश्तों की मजबूती और संवर्धन के लिए सारथी योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत नागालैंड, सिक्किम, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, जम्मू एवम लद्दाख के साथ असम के तीन-तीन विद्यार्थियों को शोध कार्य के लिए प्रोत्साहन किया जाएगा। इन राज्यों के आदिवासी छात्रों को सुखाड़िया विश्वविद्यालय निशुल्क पीएचडी करवाएगा एवं उनके रहने खाने की व्यवस्था करेगा। इन आदिवासी विद्यार्थियों के लिए यह एक बहुत बड़ी सौगात होगी।
रामसिंह
वार्ता
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