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राजस्थान में कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने से थर्मल प्लांटों में विद्युत उत्पादन प्रभावित-सावंत

जयपुर, 07 अक्टूबर (वार्ता) राजस्थान में बिजली की मांग एवं खपत में वृद्धि तथा कोल इंडिया से कोयले की कम आपूर्ति की वजह से थर्मल प्लांटों में विद्युत उत्पादन प्रभावित होने से नगरपालिका एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कटौती करनी पड़ रही है।
विद्युत वितरण निगमों के अध्यक्ष भास्कर ए. सावंत ने यह जानकारी देते हुए बताया कि विद्युत की मांग एवं खपत में लगातार हो रही बढोतरी एवं कोल इण्डिया से कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने की वजह से प्रदेश के थर्मल प्लांटों में विद्युत उत्पादन प्रभावित होने से ग्रिड की सुरक्षा बनाए रखने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों एवं नगरपालिका क्षेत्रों में रोस्टर से लोड शेडिंग करनी पड़ रही है।
श्री सावंत ने बताया कि प्रदेश से मानसून की हो रही विदाई एवं लगाातार गर्मी बढने के कारण बिजली की मांग में तीन हजार 500 मेगावाट की बढोतरी हुई हैं। बिजली की मांग नौ हजार मेगावाट के लगभग चल रही थी वह अब 12 हजार 500 मेगावाट तक पहुंच गई है। प्रदेश में 2000 लाख यूनिट प्रतिदिन चल रही विद्युत खपत भी बढकर 2400 लाख यूनिट प्रतिदिन हो गई हैं।
उन्होंने बताया कि सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट की 250 मेगावाट की छह इकाइयों एवं छबड़ा थर्मल की 250
मेगावाट की दे इकाइयों तथा कोटा थर्मल की 1240 मेगावाट की सात इकाइयों के लिए कोयला कोल इंण्डिया लि. की सबसीडरी कम्पनीज एनसीएल एवं एसईसीएल से प्राप्त होता हैं। उच्चस्तरीय वार्ता के बाद गत एक अक्टूबर को केन्द्र सरकार के कोयला मंत्रालय के सब-ग्रुप ने सात कोयले की रेक प्रतिदिन देने का निर्णय लिया था लेकिन राजस्थान को एक से पांच अक्टूबर के मध्य कोयले की केवल चार रेक प्रतिदिन ही मिल पाई है।
श्री सावंत ने बताया कि राजस्थान सरकार के स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे है, जिससे प्रदेश के थर्मल प्लांटों को कोल इंण्डिया से पर्याप्त कोयले की आपूर्ति हो सके ताकि राज्य के पावर प्लाटों में सामान्य रुप से विद्युत उत्पादन षुरु हो सके। उन्होंने बताया कि विण्ड पावर जो सामान्यतया 500 से 1000 मेगावाट मिलती थी वह भी अब बहुत कम मात्रा में मिल रही है।
उन्होंने बताया कि कोल इंडिया द्वारा कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने की वजह से कोयले की कमी के कारण सूरतगढ थर्मल की 250 मेगावाट की पांच इकाईयां बन्द है तथा छबड़ा थर्मल की 250 मेगावाट की दो इकाईयों के लिए कोल इंण्डिया द्वारा काफी समय से कोयले की आपूर्ति नही की जा रही है। इसके अलावा अन्य तकनीकी कारणों से छबड़ा की 660 मेगावाट की एक इकाई, कालीसिंध की 600 मेगावाट की एक इकाई व छबड़ा थर्मल की 250 मेगावाट की तीन इकाईयां बन्द हैं। इन तकनीकी कारणों का शीघ्र निराकरण कर बन्द इकाईयों से विद्युत उत्पादन प्रारम्भ करने के प्रयास किए जा रहे है।
जोरा
वार्ता
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