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राजस्थान सरकार बाल यौन हिंसा, बाल विवाह, बाल मजदूरी के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध-गहलोत

जयपुर, 24 जून (वार्ता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बच्चों के सामाजिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य विकास के साथ उन्हें संरक्षण प्रदान करना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी बताते हुए कहा है कि राज्य सरकार बाल यौन हिंसा, बाल विवाह, बाल मजदूरी के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है और बाल संरक्षण संकल्प यात्रा के तहत बाल मेले का आयोजन कर पात्र व्यक्तियों को योजनाओ से लाभांवित करने के लिए चिह्नित कर लिए गए आवेदनों का मौके पर निस्तारण किया जाएगा।
श्री गहलोत आज मुख्यमंत्री आवास पर बाल संरक्षण संकल्प यात्रा को हरी झण्डी दिखाकर रवाना करने से पहले बाल अधिकारिता विभाग, यूनिसेफ व पिंकसिटी साइकिल रिक्शा चालक संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधन कर रहे थे। उन्होंने
कहा कि बच्चे हमारी अमूल्य धरोहर है तथा बच्चों के सामाजिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य विकास के साथ उन्हें संरक्षण प्रदान करना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। राज्य सरकार बाल यौन हिंसा, बाल विवाह, बाल मजदूरी के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है। बाल संरक्षण संकल्प यात्रा के अंतर्गत हर 20 दिन बाद बाल मेले का आयोजन किया जाएगा जिसमें सभी विभाग भाग लेंगे। मेले में ग्राम भ्रमण के दौरान पात्र व्यक्तियों को योजनाओ से लाभांवित करने हेतु चिन्हित कर लिए गए आवेदनों का मौके पर निस्तारण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सात जिलों की 140 ग्राम पंचायतों में इस यात्रा के द्वारा राज्य सरकार द्वारा बाल संरक्षण के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा ताकि गांव-ढ़ाणी तक बाल अधिकारों के बारे में जागरूकता लाई जा सके व कोई भी बच्चा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित ना रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बच्चों की शिक्षा व संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना, वात्सल्य योजना, उत्कर्ष योजना, गोराधाय ग्रुप बालक देखभाल योजना, बाल मित्र योजना, पालनहार योजना, मुख्यमंत्री हुनर विकास योजना, पालनहार आवासीय छात्रावास योजना, बाल गृह, उड़ान योजना, शिक्षा सेतु योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना जैसी महत्वकांक्षी योजनाएं चला रही हैं। आमजन तक इन योजनाओं की जानकारी पहुंचाना हमारा दायित्व है। स्वयंसेवी संस्थाओं, प्रिंट मीडिया व इलेक्ट्रोनिक मीडिया का भरपूर सहयोग इस पुनीत कार्य में लिया जाना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के रख-रखाव मद में वृद्धि करते हुए राजकीय एवं गैर-राजकीय अनुदानित गृहों में प्रति आवासी व्यय 2938 रूपए कर दिया गया है। प्रत्येक जिले में किशोर न्याय बोर्ड का गठन किया गया है।
जोरा
जारी वार्ता
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