राज्य » राजस्थानPosted at: May 22 2023 7:19PM सत्य और अहिंसा से ही मानव कल्याण संभव: गहलोतउदयपुर, 22 मई (वार्ता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज यहां मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ जैनोलॉजी एंड प्राकृत भवन का शिलान्यास किया। उन्होंने पंच कल्याणक महोत्सव में आचार्य वर्द्धमान सागर महाराज का आशीर्वाद भी लिया। श्री गहलोत ने महोत्सव में कहा कि देश को भगवान महावीर के बताए संदेश को अपनाकर सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने की आवश्यकता है। इसी से ही मानव कल्याण होगा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी ने भी महावीर जी के सिद्धान्तों को जीवन में उतारा और दुनिया को अहिंसा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं भी सत्य-अहिंसा को अपनाते हुए राजनीति में प्रवेश कर आगे बढ़ा हूं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के चहुमुंखी विकास के लिए हरसंभव कार्य कर रही है। विशेषज्ञों से गहन अध्ययन के बाद ही बजट में जनकल्याणकारी योजनाएं बनाई गई। देश में बढ़ती महंगाई से प्रदेशवासियों को राहत दिलाने के लिए महंगाई राहत कैंपों का आयोजन किया जा रहा है। इनमें 10 जनहितैषी योजनाओं के 5 करोड़ से अधिक मुख्यमंत्री गारंटी कार्ड आमजन सौंपे जा चुके हैं। लाभ मिलना भी शुरू हो गया है। श्री गहलोत ने कहा कि निरोगी राजस्थान की संकल्पना को साकार करने के लिए देश में राजस्थान सरकार ने सबसे पहले स्वास्थ्य का अधिकार कानून पारित किया। इसमें हर व्यक्ति को बिना किसी व्यवधान चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 25 लाख रुपए तक का निःशुल्क इलाज भी मुहैया कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैन अध्यात्म-दर्शन के उद्भव और विकास का अध्ययन, शोध और ज्ञान की दृष्टि से यह भवन महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि आज देश में जो माहौल बना हुआ है, उसमें भगवान महावीर और महात्मा गांधी के सर्व धर्म समभाव, सत्य और अहिंसा के सिद्धान्त सबसे अधिक प्रासंगिक हैं। देश-प्रदेश में शांति, सद्भाव और भाईचारा बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। युवा पीढ़ी मानवता के कल्याण के लिए काम करे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि वर्ष 2030 तक राज्य को देशभर में अग्रणी बनाने के मिशन को लेकर चलने वाले मुख्यमंत्री ने जाति, धर्म, वर्ग आदि से ऊपर उठकर प्रदेश के विकास व मानव कल्याण के लिए कार्य किया है। इससे पूर्व आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने कहा कि जिस प्रकार भगवान महावीर ने जनकल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए इसी प्रकार प्रदेश के मुख्यमंत्री भी मानव कल्याण के लिए प्रयासरत हैं। रामसिंहवार्ता