बेंगलुुरु 03 सितंबर (वार्ता) कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी ने 31 अगस्त को हुये शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में 2527 सीटों में से 946 सीटों पर जीत दर्ज की है, मई में हुए विधानसभा चुनावों में 104 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इन निकाय चुनाव में 875 सीटें जीतकर दूसरे पायदान पर है, जबकि राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन वाली जनता दल सेक्युलर (जद एस) ने 345 सीटों पर जीत दर्ज की है।
निर्दलियों ने 315 सीटों पर जीत दर्ज की है, विधानसभा चुनाव में एक सीट जीतने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 12 सीटें जीती हैं जबकि अन्य के खातों में 34 सीटें आईं हैं।
तीन नगर निगम चुनावों में भाजपा ने 54, कांग्रेस 36, जद(एस) 30, निदर्लीय 14 और बसपा ने एक सीट पर जीत दर्ज की है। शिवमोगा में भाजपा 20 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है, तुमकुरु और मैसुरु में कांग्रेस एवं जद(एस) भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए एक साथ मिलकर लड़ी थी।
इन निकाय चुनावों में 30 प्रत्याशी निर्विरोध चुने गये हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के परिणाम पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि जनता जद(एस)-कांग्रेस गंठबंधन सरकार के काम को पसंद कर रही है।
श्री कुमारस्वामी ने कहा, “ इन चुनाव परिणामों ने भाजपा को चुप करा दिया है जो लगातार सरकार के कार्यों को लेकर आरोप लगा रही थी। कांग्रेस एवं जद(एस) ने कोई प्रचार नहीं किया और स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिये अच्छे प्रत्याशियों को चुनने के लिये मतदाताओं पर छोड़ दिया जबकि भाजपा ने जिलों में व्यापक रूप से प्रचार किया।”
कर्नाटक विधानसभा सभा में विपक्ष के नेता एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के उम्मीद के अनुरूप नहीं है। उन्होंने पत्रकारों को बताया,“ मुझे उम्मीद थी कि हम और सीटें जीतेंगे लेकिन ये परिणाम आशा के अनुरूप नहीं है। मैं पार्टी को मजबूत बनाने के लिये प्रयास करूंगा।”
श्री येदियुरप्पा ने कहा कि आज के परिणामों से राज्य में कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन भाजपा अगले चुनाव में सभी 28 लोकसभा सीटों पर विजय हासिल करेगी।
इस बीच कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव ने इन परिणामों पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा “ चुनाव परिणाम ने उन लोगों को चुप करा दिया है जो लोग कह रहे थे कि कांग्रेस कर्नाटक में अपना अस्तित्व खो चुकी है। यह जीत गठबंधन सरकार के कार्यों को दर्शाती है।”
रमेश जितेन्द्र
वार्ता