राज्यPosted at: Sep 14 2018 10:35PM हाईकोर्ट ने कार्बेट पार्क में बिजली चालित वाहनों के लिये एनसीटीए से मांगा सुझाव
नैनीताल 14 सितम्बर (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनसीटीए) से सुझाव मांगा है कि क्या कार्बेट पार्क के अंदर वन्य जीवों की सुरक्षा के मद्देनजर बिजली चालित वाहनों का प्रयोग किया जा सकता है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा एवं न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की युगलपीठ ने एनसीटीए से पूछा है कि ध्वनि प्रदूषण को रोकेने के लिये क्या यह कदम व्यावहारिक है। प्राधिकरण को इस संबंध में चार सप्ताह में सुझाव देने को कहा गया है।
इसके साथ ही पीठ ने कार्बेट पार्क के बिजरानी एवं झिरना रेंजों में जिप्सियों की संख्या निर्धारित करने के अपने पिछले आदेश में भी संशोधन किया है। पीठ ने बिजरानी और झिरना रेजों में 32-32 जिप्सियां सुबह-शाम संचालित करने की अनुमति दे दी है। यहीं नहीं पीठ ने दुर्गा देवी क्षेत्र में भी 15-15 जिप्सियां सुबह और दोपहर में संचालन के निर्देश सीटीआर प्रशासन को दिये हैं।
इसी दौरान सरकार की ओर से आज पीठ को बताया गया कि बाघों एवं वन्य जीवों की सुरक्षा के लिये कार्बेट पार्क में विशेष बाघ संरक्षण बल (एसटीपीएफ) की तैनाती कर दी गयी है और एसटीपीएफ ने काम करना शुरू कर दिया है। अदालत ने इस बात के लिये सीटीआर प्रशासन की पीठ भी थपथपायी।
उल्लेखनीय है कि हिमालयन युवा ग्रामीण संस्था एवं ढिकुली ग्राम पंचायत द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए पीठ ने बाघों के संरक्षण के मामले में गंभीर रुख अख्तियार किया था। पीठ ने कार्बेट पार्क के झिरना, बिजरानी कालागढ़ एवं ढेला रेंजों में पर्यटकों को घुमाने वाली जिप्सियों की संख्या सीमित कर दी थी।
इसके साथ ही पीठ ने बाघों के संरक्षण को लेकर भी कई प्रकार के निर्देश जारी किये थे। पीठ ने बाघों की सुरक्षा के लिये विशेष बाघ संरक्षण बल की तैनाती के निर्देश भी दिये थे।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता